
मथुरा । आप सभी को बसंत पंचमी (सरस्वती पूजन ) के पावन पर्व पर हार्दिक शुभकामनायें!
ब्रजभाषा के कवि पदमाकर के शब्दों में ---
कूलन में, केलि में ,कुजन में, क्यारिन में
कलित में, कालिन में,किलकत है बीथिन में.
ब्रज में ,नवेलिन में,बनत में, बागन में,बगरयो बसंत है----
महादेवी वर्मा के शब्दों में -----
धीरे धीरे उतर शितिज से
आ वसंत रजनी ।
तरकमय नववेनी बंधन शशिफूल शशि को कर नूतन
राश्मिवालय सितघन अवगुंठन
मुक्ताहल अविराम बिछा दे ।
शिखर आकाश, संपादक
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें