गुरुवार, 31 दिसंबर 2009

आप सभी को नए साल क़ी हार्दिक शुभ कामना


सुनहरी धूप बरसात के बाद,

थोड़ी सी हंसी हर बात के बाद।

उसी तरह मुबारक हो आप को ,

२०१० ,२००९ के बाद ।

समय सापेक्ष परिवार ।

साल के जाते जाते :केरल में गैस टैंकर में विस्फोट, 21 घायल

तिरुअनंतपुरम, गुरूवार, ३१दिसम्बर । सुबह एक गैस टैंकर में विस्फोट हो जाने से 21 लोग घायल हो गए। घायलों में पाँच की हालत गंभीर है। सभी को त्रिवेंद्रम मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया है। मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक आज सुबह करीब 5.30 बजे तिरुअनंतपुरम-बैंगलुरु राष्ट्रीय राजमार्ग 47 पर गैस से भरा एक टैंकर कार से टकरा गया। इससे उसमें विस्फोट हो गया। हादसे में 21 लोग घायल हो गए। धमाका इतना जबरदस्त था कि सड़क से गुजरने वाली 15 मोटरसाइकिलें और कुछ अन्य वाहन भी क्षतिग्रस्त हो गए। अधिकारियों ने गैस टैंकर में विस्फोट की आशंका के मद्देनजर पूरे इलाके से लोगों को हटा दिया है।उन्होंने बताया घायलों में से ज्यादातर या तो पुलिसकर्मी थे या स्थानीय लोग थे, जो आग बुझाने के काम में मदद कर रहे थे। आग अब भी लगी हुई है। घायलों में कार में सवार चार लोग भी शामिल हैं।हादसे के कारण राष्ट्रीय राजमार्ग पर यातायात बंद कर दिया गया है। प्रशासन ने इलाके के सभी स्कूलों में आज अवकाश की घोषणा की है। समाचार लिखे जाने तक दमकल की 10-15 गाड़ियाँ आग बुझाने की कोशिश में लगी हुई थीं। (वेबदुनिया न्यूज)

मंगलवार, 29 दिसंबर 2009

समय सापेक्ष विशेष: डॉ. हरिवंशराय बच्चन जन्म शताब्दी समारोह


'मधुशाला' के रचयिता डॉ. हरिवंश राय बच्चन हिंदी साहित्य के महत्वपूर्ण हस्ताक्षर हैं। उनका जन्म 27 नवंबर, 1907 को इलाहाबाद के एक मध्यमवर्गीय परिवार में हुआ। इन दिनों डाक्टर हरवंश राय बच्चन जी का जनम शताब्दी समारोह मनाया जा रहा है । "समय सापेक्ष " ने भी उनकी अमर कृति मधुशाला पर सन २००६ के जनवरी अंक में इस महान कृति के बारे में मशहूर ग़ज़ल कार श्री महेंद्र हुमा के उदगार प्रकाशित किये थे । इलाहाबाद विश्वविद्यालय तथा बनारस हिंदू विश्वविद्यालय से उच्च शिक्षा प्राप्त करने के बाद सन्‌ 1941 से 1952 तक वे इलाहाबाद विश्वविद्यालय में अँगरेजी के प्राध्यापक रहे। उन्होंने कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय से 'डब्ल्यू.वी. येट्स एंड ऑकल्टिजम' विषय पर शोध किया। फिर कुछ महीने आकाशवाणी, इलाहाबाद में काम करने के बाद 1955 में वे भारत सरकार के विदेश मंत्रालय में विशेष कार्याधिकारी (हिंदी) नियुक्त हुए। सन्‌ 1966 में उन्हें राज्यसभा के लिए मनोनीत किया गया...'मधुशाला' के रचयिता डॉ. हरिवंश राय बच्चन हिंदी साहित्य के महत्वपूर्ण हस्ताक्षर हैं। उनका जन्म 27 नवंबर, 1907 को इलाहाबाद के एक मध्यमवर्गीय परिवार में हुआ। इलाहाबाद विश्वविद्यालय तथा बनारस हिंदू विश्वविद्यालय से उच्च शिक्षा प्राप्त करने के बाद सन्‌ 1941 से 1952 तक वे इलाहाबाद विश्वविद्यालय में अँगरेजी के प्राध्यापक रहे। उन्होंने कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय से 'डब्ल्यू.वी. येट्स एंड ऑकल्टिजम' विषय पर शोध किया। फिर कुछ महीने आकाशवाणी, इलाहाबाद में काम करने के बाद 1955 में वे भारत सरकार के विदेश मंत्रालय में विशेष कार्याधिकारी (हिंदी) नियुक्त हुए। सन्‌ 1966 में उन्हें राज्यसभा के लिए मनोनीत किया गया। बच्चनजी सन्‌ 1935 में 'मधुशाला' के कारण ख्यात हुए। यह रचना तब से लेकर आज तक पाठकों को मदमत्त करती आ रही है। उनकी अन्य रचनाओं में मधुकलश, मधुकाव्य, खादी के फूल प्रमुख हैं। बच्चनजी ने अपनी आत्मकथा चार खंडों में लिखी। ये खंड सन्‌ 1969 से 1985 की अवधि में प्रकाशित हुए। इनके नाम हैं- 'क्या भूलूँ क्या याद करूँ' (जन्म 1936 तक), 'नीड़ का निर्माण फिर' (1951 तक), 'बसेरे से दूर' (1955 तक) और 'दशद्वार से सोपान तक' (1985 तक) उन्हें पद्म भूषण, साहित्य अकादमी पुरस्कार, अफ्रीका-एशिया लेखक संघ कॉन्फ्रेंस का लोटस पुरस्कार, साहित्य वाचस्पति उपाधि तथा प्रथम सरस्वती सम्मान से नवाजा जा चुका है। पंतजी ने अमिताभ का नामकरण किया था। तेजी तो बड़ी तीव्र गति से बदल रही थीं। मैंने उन्हें प्रेयसी के रूप में जाना ही था कि वे पत्नी हो गईं, पत्नी होते उन्हें देर नहीं लगी कि उनमें मातृत्व का बीजारोपण हो गया। नारी बड़ी लचीली होती है, वह परिवर्तनों को बड़ी आसानी से झेल लेती है। पुरुष इतना नमनीय नहीं होता। प्रेमी से पति और पति से भविष्य पिता इस परिवर्तन के प्रत्यक्ष होने पर भी मेरा मन अभी अपने प्रेमी रूप पर ही अटका था। विवाह के कई वर्षों बाद तक जो मैं प्रेम की कविताएँ लिखता रहा, शायद उसका एक रहस्य यही है। फिर मैं कवि था, कलाकार था। मेरे भौतिक जीवन के विकास के साथ, समानांतर मेरा एक वांगमय जीवन भी चल रहा था। जीवन सहसा घटित का अनभ्यस्त नहीं, कला की दुनिया उससे अपनी पटरी नहीं बिठा पाती। मेरे वांगमय जीवन को कला की सहज, स्वाभाविक, क्रमानुगत गति से ही बदलना था। इसकी ओर शायद मैं पहले भी संकेत कर चुका हूँ। मुझे समझने में थोड़ा मेरे कवि को भी समझना कि तेजी ने मुझे जगाकर बताया कि उनके पेट में पीड़ा आरंभ हो गई है। ब्रह्म मुहूर्त था। सपना इतना स्पष्ट था और मैं उसे इतना अभिभूत था कि मैं उसे बगैर तेजी से बताए न रहा सका। तर्क वाली व्याख्या तो सपने की मैंने बाद में की। पर उस अधजागे-अधसोए से मेरे मुँह से निकल गया, तेजी तुम्हें लड़का ही होगा और उसके रूप में मेरे पिताजी की आत्मा आ रही है। तेजी ने इस सपने को परा-प्रकृति का संकेत समझा और आज भी उन्हें इसके विषय में संदेह या अविश्वास नहीं है। मनोवैज्ञानिक समाधान शायद स्वप्न का यह है कि उस दिन मुझे पिताजी की बहुत याद आई थी, मानस पाठ करते हुए उनका रूप बचपन से मेरे दिमाग में बैठा था, तेजी के प्रसविनी बनने का समय आ पहुंचा था और इस संबंध में कई तरह के प्रश्न मेरे मन में उठते थे। मेरे अवचेतन ने जैसे उस स्वप्न के रूप में उनका उत्तर दिया पर इस उत्तर से न तो मैं पूरी तरह संतुष्ट हूँ और न रहस्य पर से पूरी तरह परदा ही हटा है। अपने पारिवारिक जीवन में मुझे कई बार इसका अनुभव हुआ है, जैसे मेरे पिताजी की आत्मा हमारे बीच सक्रिय है। इसे मैं तर्क से सिद्ध नहीं कर सकता। सब कुछ तर्क से सिद्ध किया भी नहीं जा सकता और हैमलेट के शब्दों में कहना पड़ता है, ...ओ होरेशियो, सुनो हमारे दर्शन की कल्पना जहाँ तक पहुँच सकी है, धरा-गगन में उसके आगे बहुत पड़ा है।एक बात को याद कर आज भी हंसी आती है कि यह जानने के लिए कि यह दर्द प्रसव का है या अन्य किसी प्रकार का, हमने एक किताब खोली! उसमें लिखा था कि प्रसव की पीड़ा लगातार न होकर रह-रहकर उठती है और यह दर्द पीठ की ओर से उठकर पेट की ओर चलता है। दर्द का लक्षण इसमें मिलता-जुलता देखकर मैं लेडी डॉक्टर बरार को बुला लाया और वे तेजी को अपनी मोटर में बिठाकर अपने नर्सिंग होम ले गईं। नारी जीवन के एक महत्वपूर्ण अवसर और संकटापन्न स्थिति में एक बार फिर वे सर्वथैव एकाकी थीं। पर उन्होंने अपने मन को छोटा नहीं किया था। अपराह्न में दिनभर की कठिन प्रसव पीर के पश्चात तेजी ने पुत्र को जन्म दिया। पंतजी, जैसा पूर्व निश्चित था, दिन को ही घर पर आ गए थे। शाम को वे प्रसूता और प्रसूत को देखने आए तो बच्चे को देखकर उन्होंने अमिताभ नाम दिया। पिता बनने की अनुभूति और उसके उल्लास को, विशेषकर जब उसका अवसर विलंब से जीवन में आए, गद्य नहीं वहन कर सकता- 'दशरथ पुत्र जन्म सुनि काना : मानहूँ ब्रह्मानंद समाना'। इसलिए उस दिवस की स्मृति में लिखी कविता का आश्रय लेना चाहता हूँ। फुल कमल, गोद नवल, मोद नवल,गेह में विनोद नवल। बाल नवल, लाल नवल,दीपक में ज्वाल नवल। आत्मकथा (नीड़ का निर्माण फिर, हरिवंशराय बचन)

31 की रात चाँद को निहारना न भूलें


नई दिल्ली , मंगलवार, 29 । दिसंबर खगोलीय घटनाओं के दीदार के शौकीन लोगों के लिए 31 दिसम्बर की रात बेहद खास होगी। उस रात चाँद ज्यादा बड़ा और हल्का नीला नजर आएगा।आमतौर पर एक साल में 12 बार पूर्ण चंद्रमा के दर्शन होते हैं, लेकिन हर दो या तीन साल के अंतराल पर चाँद का आकार कुछ बढ़ा हुआ और उसका रंग कुछ नीला नजर आता है। इसे नीला चाँद कहा जाता है।साइंस पॉपुलराइजेशन एसोसिएशन ऑफ कम्युनिकेटर्स एंड एजूकेटर्स (स्पेस) के अध्यक्ष सीबी देवगन ने कहा-पिछली दो दिसंबर को हम पूरा चाँद पहले ही देख चुके हैं। हम चाँद का यह बढ़ा हुआ रूप नववर्ष की पूर्व संध्या यानी 31 दिसम्बर को देखेंगे।बहुत कम मौकों पर ही चाँद हल्का नीला नजर आता है। ऐसा अक्सर बड़े पैमाने पर आग लगने से उठे धुएँ या वातावरण में धूलकणों की मात्रा ज्यादा होने के कारण होता है।नीले चाँद की अवधारणा को स्पष्ट करते हुए देवगन ने बताया कि चाँद को एक चक्र पूरा करने में 29.53 दिन लगते हैं, जो करीब एक महीने के बराबर है। यही वजह है कि महीने में एक बार पूरा चाँद दिखाई पड़ता है। (भाषा)

सोमवार, 28 दिसंबर 2009

गृह मंत्रालय का आदेश थाने में की गई शिकायत एफ आई आर मानी जाये

नई दिल्ली । केंद्रीय गृह मंत्रालय ने आज सभी राज्यों को एक महत्त्व पूर्ण आदेश जारी करते हुए कहा है कि थानों में की गई शिकायत को ही एफ आई आर माना जाये । केंद्रीय गृह मंत्रालय ने आज ही यह आदेश जारी कर दिया है । गृह मंत्री पी चिदम्बरम ने अभी हाल ही में गृह मंत्रालय में आमूल -चूल परिवर्तन कि बात कही थी ओर कहा था कि अब समय आगया है कि कुछ महत्त्व पूर्ण फैसले ले लेने चाहिए। उस द्रष्टि कोण से यह फैसला एतिहासिक ही कहा जायेगा जो जनता को बहुत राहत देने वाला एक ज़रूरी कदम साबित होगा। ऐसे फैसलों का स्वागत किया जाना चाहिए ।

रविवार, 27 दिसंबर 2009

समलैंगिकता मामले में वर्ष का प्रमुख फैसला


नई दिल्ली, रविवार, दिल्ली उच्च न्यायालय ने इस वर्ष वयस्कों के बीच परस्पर सहमति से एकांत में बनाए गए समलैंगिक संबंधों को अपराध के दायरे से बाहर निकालकर समाज में बढ़ते खुलेपन के प्रति सहमति जताई। उपहार कांड के दोषियों को सजा और मायावती के बढ़ते मूर्ति प्रेम पर अंकुश लगाने के लिए न्यायालय द्वारा लिए गए कुछ सख्त कदम इस वर्ष के प्रमुख अदालती फैसलों में शामिल रहे।समलैंगिकता के हिमायतियों को एक बड़ी राहत देते हुए दो जुलाई को दिल्ली उच्च न्यायालय ने वयस्कों के बीच परस्पर सहमति से एकांत में बनाए गए समलैंगिक संबंधों को अपराध के दायरे से बाहर कर दिया और इसे अपराध करार देने वाले 149 वर्ष पुराने कानून को बुनियादी अधिकारों का उल्लंघन बताया।इसी तरह की एक अन्य ऐतिहासिक टिप्पणी में उच्चतम न्यायालय ने नौ दिसंबर को केंद्र से कहा कि दंडात्मक कार्रवाई से विश्व के सबसे पुराने पेशे देह व्यापार पर पाबंदी लगाना अगर व्यावहारिक तौर पर संभव नहीं हो तो क्या वेश्यावृत्ति को वैध बनाया जा सकता है।न्यायमूर्ति दलबीर भंडारी और न्यायमूर्ति एके पटनायक की पीठ ने सालीसीटर जनरल गोपाल सुब्रह्मण्यम से कहा कि महिलाओं की तस्करी को रोकने के लिए यौन व्यापार को वैध बनाना एक बेहतर विकल्प होगा। पीठ ने कहा कि दुनिया में कहीं भी दंडात्मक उपायों से इसपर पाबंदी नहीं लगाई जा सकी।रैगिंग की घटनाओं को गंभीरता से लेते हुए उच्चतम न्यायालय ने 16 मार्च को चेतावनी दी कि अब समय आ गया है कि सरकार इस समस्या को रोकने में विफल रहने वाले संस्थानों की वित्तीय सहायता रोकें।30 मार्च को न्यायालय ने कथित रैगिंग के कारण आत्महत्या करने वाली एक छात्रा के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज करने के लिए आंध्रप्रदेश सरकार को फटकार लगाई और हिमाचल प्रदेश मेडिकल कालेज के एक पूर्व प्राचार्य को निलंबित करने का आदेश दिया। इस कालेज में अमन कचरू नामक एक छात्र ने रैगिंग के कारण कथित तौर पर आत्महत्या कर ली थी। न्यायालय ने वर्ष 2002 में हुए गुजरात दंगों के नौ मामलों की सुनवाई पर लगी रोक हटाते हुए 30 अप्रैल को इनकी फास्ट ट्रैक अदालत में दिन प्रति दिन आधार पर सुनवाई करने का आदेश दिया। न्यायलय ने विशेष जाँच दल (एसआईटी) को सुनवाई की संतोषजनक प्रगति सुनिश्चित करने का आदेश देते हुए उसे व्यापक अधिकार दिए।उत्तर प्रदेश में कांशीराम स्मारक पर निर्माण कार्य रोकने के आदेश के बावजूद निर्माण जारी रहने पर उच्चतम न्यायालय ने मायावती सरकार पर नाराजगी जाहिर की और कहा कि अदालत के साथ कोई राजनीति की जाए। न्यायालय ने यह भी कहा कि स्मारकों के निर्माण का काम रोकने के उसके आदेश का उल्लंघन उच्च स्तर पर मिले आदेश से हुआ प्रतीत होता है।उच्चतम न्यायालय ने 16 दिसंबर को राजधानी के चर्चित उपहार सिनेमा अग्निकांड के पीड़ितों और उनके परिजनों को 5.14 करोड़ रुपए की अंतरिम राहत देने का आदेश दिया। जून 1997 में हुए इस हादसे में 59 लोगों की मौत हो गई थी, वहीं 103 लोग घायल हो गए थे।लाटरी पर रोक लगाने की मांग करने वाली एक याचिका पर सुनवाई करते हुए सात दिसंबर को उच्चतम न्यायालय ने इस बात पर आश्चर्य प्रकट किया कि लॉटरियाँ बेचकर सरकार कौन सा धंधा कर रही है।न्यायमूर्ति दलवीर भंडारी और ए के पटनायक की पीठ ने लाटरी पर रोक लगाने के बारे में सरकार से जवाब माँगते हुए कहा कि लॉटरी बेचना सरकार का काम नहीं है। प्रधान न्यायाधीश के जी बालाकृष्णन ने पिछले साल मुंबई में हुए आतंकी हमलों के 'व्यापक' कवरेज की आलोचना करते हुए इस साल 21 नवंबर को कहा कि इससे लोगों का गुस्सा भड़क सकता है और उनमें बदला लेने की तर्कहीन इच्छा पैदा हो सकती है।दिल्ली उच्च न्यायालय ने 16 दिसंबर को दाउद इब्राहीम के कथित सहयोगी रोमेश शर्मा को फैशन डिजाइनर कुंजुम बुद्धिराजा हत्याकांड में बरी कर दिया। उसे निचली अदालत ने उम्रकैद की सजा सुनाई थी।दिल्ली उच्च न्यायालय ने पहले साधारण कोटे के तहत दाखिले का विकल्प चुनने वाले आरक्षित कोटे के एक अभ्यर्थी को दूसरे दौर की काउंसिलिंग में शामिल होने का मौका देने से इनकार करने पर अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) पर 20 हजार रुपए का जुर्माना लगाया।दिल्ली की एक अदालत ने सनसनीखेज धौला कुआं बलात्कार मामले में दोषी ठहराए गए और एकमात्र गिरफ्तार अभियुक्त को 10 दिसंबर को 14 साल सश्रम कारावास की सजा सुनाई। इस मामले में दिल्ली विश्वविद्यालय की एक छात्रा के साथ चलती कार में सामूहिक बलात्कार किया गया था।भूमि हड़पने के आरोपों के चलते विवादों में घिरे कर्नाटक उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश पीडी दिनाकरन को उच्चतम न्यायालय के चयन मंडल (कोलेजियम) ने शीर्ष अदालत में पदोन्नति देने की अपनी अनुशंसा वापस ले ली। राज्यसभा में न्यायमूर्ति दिनाकरन के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव लाया गया है। (भाषा)

तो जमकर पियो चचा,अब नहीं होगा नशा !!


लंदन। ब्रिटेन के वैज्ञानिक ऐसे कृत्रिम पेय के विकास में जुटे हैं जो मस्तिष्क की तंत्रिकाओं को शराब की तरह उत्प्रेरित करेगा, लेकिन बिना खुमारी और नशे के।
इंपीरियल कालेज लंदन में वैज्ञानिकों का एक दल शराब के इस विकल्प की तैयारी में जुटा है। ब्रिटेन के दवाओं के शीर्ष विशेषज्ञ डेविड नट के नेतृत्व में काम कर रहे हैं। यह विकल्प पीने से शराब की तरह न तो खुमारी होगी और न ही नशा लेकिन इसके सेवन से आनंद की अनुभूति होगी। सबसे खास बात यह है कि यह पेय मस्तिष्क के उन हिस्सों को प्रभावित नहीं करेगा जो हाव भाव को नियंत्रित करते हैं। इसके कारण इसे पीने के बावजूद व्यक्ति का अपने ऊपर नियंत्रण बना रहेगा।
'द टेलीग्राफ' की खबर के अनुसार, इस पेय को वेलियम से संबंधित रसायनों से तैयार किया जा रहा है जिसका शरीर से उत्सर्जन बहुत आसान है। एंटीडोट की मदद से इसके प्रभाव को समाप्त किया जा सकता है। नट के अनुसार, ''कोई कितने भी गिलास पीए, कोई फर्क नहीं पड़ेगा। उन्हें आनंद की अनुभूति होगी जिससे हल्का नशा होगा और खुशियों के आयोजन के समाप्त होने के बाद गोली के उपयोग के बाद सामान्य हालत में गाड़ी चलाकर घर जा सकेगा।''

शनिवार, 26 दिसंबर 2009

मथुरा-वृन्दावन को रोज मिलेगा १० क्यूसेक्स गंगाजल


मथुरा । बढ़ते यमुना प्रदूषण को देखते हुए केन्द्रीय टीम ने कल गोकुल बैराज का निरीक्षण कर मथुरा-वृन्दावन शहरों की जलापूर्ति शुद्ध गंगाजल अब सीधे गोकुल बैराज में लाने की कवायद शुरू हो गयी है ओर यह गंगाजल पिप लें के ज़रिये से गोकुल बैराज तक लाया जायेगा ,हालांकी यह १० क्यूसेक्स पानी पर्याप्त नहीं है ,किन्तु जनप्रतिनिधियों के पहल ना करने के कारण ही अब मात्र १० क्यूसेक्स गंगाजल ही मथुरा -वृन्दावन शहरों को मिल पायेगा

शुक्रवार, 25 दिसंबर 2009

'मधुबाला - दर्द का सफर' का लोकार्पण


भड़ास4मीडिया पूरब की वीनस कहलाने वाली अप्रतिम सौंदर्य की मल्लिका ने भारतीय सिनेमा जगत पर न केवल अपने सौंदर्य का बल्कि अपने अभिनय की गहरी छाप छोड़ी लेकिन उन्हें न तो जीते जी और न ही उनके निधन के बाद वह सम्मान दिया गया जिसकी वह हकदार थीं। यह उदगार मधुबाला की जीवनी 'मधुबाला - दर्द का सफर' के लोकार्पण के मौके पर व्यक्त किया गया। कल देर शाम यहां फिल्म डिविजन के सभागार में लोकसभा सांसद राशिद अल्वी, फिल्म प्रभाग के निदेशक एवं सुप्रसिद्ध वृत्तचित्र निर्माता कुलदीप सिन्हा, दूरदर्शन के पूर्व निदेशक एवं फिल्म शोधकर्ता शरद दत्त, संगीत विशेशज्ञ डा. मुकेश गर्ग, बीते जमाने के मशहूर संगीत निर्देशक हुस्नलाल की सुपुत्री एवं गायिका प्रियम्बदा वशिष्ट तथा सखा संगठन के अध्यक्ष अमरजीत सिंह कोहली के सानिध्य में समारोह का आयोजन किया गया।
इस मौके पर पुस्तक की लेखिका सुशीला कुमारी ने कहा कि हालांकि मधुबाला को भारतीय सिनेमा का आइकन माना जाता है लेकिन मधुबाला को अपने जीवन में कोई पुरस्कार या सम्मान नहीं मिला। हालांकि भारतीय सिनेमा की सबसे उल्लेखनीय एवं महत्वपूर्ण फिल्म मुगले आजाम को मधुबाला के अविस्मरणीय अभिनय के लिये भी याद किया जाता है लेकिन उस फिल्म के लिये भी मधुबाला को कोई सम्मान नहीं मिला। श्री राशिद अल्वी ने मधुबाला की जीवनी के सामने लाने के प्रयास को अत्यंत महत्वपूर्ण बताते हुये कहा कि राजनेताओं एवं शासकों की प्रसिद्धि का दौर बहुत छोटा होता है लेकिन कलाकारों एवं कलमकारों की लोकप्रियता काल खंड से परे होता है और मधुबाला जैसे कलाकार अपने जीवन में सम्मानों एवं पुरस्कारों से वंचित रहने के बाद भी सदियों तक लोगों के दिलों पर राज करते हैं। भारतेन्दु हरिश्चन्द्र पुरस्कार से सम्मानित सुशीला कुमारी ने कहा कि मधुबाला की विस्मयकारी सुंदरता और उनकी बेइंतहा लोकप्रियता, उनके चेहरे से हरदम टपकती उनकी नटखट मुस्कान और शोखी को देखकर कोई भी सोच सकता है कि वह दुनिया को अपने पैरों में रखती होंगी। लेकिन सच्चाई तो यह है कि उनकी जिंदगी खुशियों और प्यार से कोसों दूर थी जिन्हें पाने के लिए उन्होंने मरते दम तक कोशिश की, लेकिन उन्हें दुख, तन्हाई और तिरस्कार के सिवा कुछ और नहीं मिला। मधुबाला का हमेशा हंसता हुआ चेहरा देखकर शायद ही किसी को आभास हो पाए कि इस हंसी के पीछे भयानक दर्द छिपा था।श्रीमती प्रियम्बदा वशिष्ट ने कहा कि मधुबाला के समय की तुलना में आज का समाज बहुत बदल गया है लेकिन आज भी मधुबाला की तरह बनना और दिखना ज्यादातर लड़कियों का सपना रहता है। अत्यंत निधन परिवार में जन्मी और पली-बढ़ी मधुबाला ने लोकप्रियता का जो शिखर हासिल किया वह विलक्षण प्रतीत होता है। लेकिन इतना होने के बावजूद भी मधुबाला के जीवन के ज्यादातर पहलुओं से लोग अनजान हैं लेकिन इस पुस्तक में मधुबाला से जुड़े अनजाने पहलुओं की जानकारी मिलेगी।
गौरतलब है कि मुगले आजम, महल, हाफ टिकट, अमर, फागुन, चलती का नाम गाड़ी और हाबड़ा ब्रिज जैसी अनेक फिल्मों में अपने सौंदर्य और अभिनय का जलवा बिखेरने वाली मधुबाला ने महज 36 साल की उम्र में ही मौत को गले लगा लिया। मधुबाला बचपन से ही दिल में छेद की बीमारी से जूझती रहीं और इसी बीमारी के कारण अत्यंत कष्टप्रद स्थितियों में उनका निधन हो गया। हालांकि आज इस बीमारी का इलाज आसानी से होने लगा है लेकिन उस समय इसका कोई इलाज नहीं था। मधुबाला ने जीवन भर कश्टों एवं दर्द को सहते हुये जिस जिंदादिली के साथ वास्तविक जीवन एवं सिनेमा के जीवन को जिया वह बेमिसाल है।

निर्माणाधीन पुल ढहने से छह की मौत


कोटा, शुक्रवार, 25 । दिसंबर कोटा-उदयपुर मार्ग पर चंबल पुलिया पर निर्माणाधीन हैगिंग पुल के गुरुवार शाम ढह जाने से छह श्रमिकों की मौत हो गईं और सत्तर से अधिक श्रमिकों के मलबे में दबे होने की आंशका है।राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने हादसे पर चिंता व्यक्त करते हुए मृतक के परिजनों को दो-दो लाख रुपए, गंभीर रूप से घायलों को एक-एक लाख रुपए और मामूली रूप से घायलों को पचास-पचास हजार रुपए देने की सहायता देने की घोषणा की है।गहलोत ने हादसे की सूचना मिलते ही उच्च स्तरीय बैठक बुलाकर हादसे और बचाव कार्य की समीक्षा कर अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए।जिला प्रशासन ने बचाव कार्य में मदद के लिए सेना को बुला लिया है। आरएसी पहले से ही बचाव कार्य में जुटी हुई थी।जल्दबाजी के कारण हुआ हादसा : कोटा से करीब बीस किलोमीटर दूर कोटा उदयपुर राष्ट्रीय राजमार्ग पर ढहने वाले पुल का निर्माण करने वाली राष्ट्रीय राजमार्ग रिपीट राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजना निदेशक बीएल मीणा ने कहा कि पुल के निर्माण पूर्ण करने की अवधि निकट होने के कारण निर्माण कार्य में जल्दबाजी के कारण यह हादसा हुआ।गैमन इंडिया के खिलाफ मुकदमा : राजस्थान के कोटा-रावतभाटा मार्ग पर सोयाबीन प्लांट के पीछे चम्बल नदी पर मेगा हाईवे पर बन रहे हाईपावर केबल पुल का एक हिस्सा कोटा-डाबी मार्ग पर ढह जाने का मामला दर्ज किया गया है। पुलिस महानिरीक्षक राजीव दासौत ने बताया कि इस पुल का निर्माण कर रही बहुराष्ट्रीय कंपनी गेम्बन तथा राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के अधिकारियों के खिलाफ कुनाडी थाने में मामला दर्ज किया गया है। (एजेंसियाँ)

गुरुवार, 24 दिसंबर 2009

क्रिसमस की हार्दिक शुभकामनाएं आप सभी को


आप सभी को क्रिसमस के पावन पर्व पर
समय सापेक्ष
परिवार की ओर से हार्दिक शुभ कामनाएं।
नरेन्द्र एम् चतुर्वेदी, प्रधान सम्पादक
शिखर आकाश, संपादक ।

वैज्ञानिकों ने खोज लिया एक बौना तारा


वाशिंगटन। सूर्य से 550 प्रकाशवर्ष की दूरी पर एक बौने तारे की खोज यूरोपीय वैज्ञानिकों ने की है। इस खोज से अंतरिक्ष-वैज्ञानिकों को हमारी आकाशगंगा के निर्माण के बारे में जानने में मदद मिलेगी।
द साइंस डेली के मुताबिक, दो स्पेनी अंतरिक्ष शोध केंद्रों के अंतरिक्ष-वैज्ञानिकों के एक दल ने हजारों लाखों साल पुराने एक तारे की पहचान की है। उन्होंने दुनिया के सबसे बड़े आप्टिकल इंफ्रारेड टेलिस्कोप ग्रान टेलिस्कोपियो कानारियास [जीटीसी] की सहायता से इस तारे का द्रव्यमान हमारे सूर्य के द्रव्यमान का दसवां हिस्सा है। वैज्ञानिको का कहना है कि यूएलएएस1350 नाम का यह तारा अपनी आकाशगंगा को जानने में प्रमुख भूमिका निभा सकता है। जीटीसी के द्वारा पुष्टि किए जाने वाला यह पहला तारा एल श्रेणी का उपबौना तारा है। यह इस श्रेणी का खोज किया गया पांचवा तारा है। इस अध्ययन को अंजाम देने वाले दल के अगुवा निकोलस लोडियू ने बताया, 'हमने अपने प्रयासों को पूराने तारों तक सीमित रखा। ऐसा केवल इसलिए नही था कि अब तक ऐसे केवल चार तारों की ही खोज हुई है बल्कि इसलिए भी क्योंकि आकाशगंगा को जानने में वह बहुत सहायक हैं।' यह अध्ययन एस्ट्रोफिजिकल जर्नल में प्रकाशित हुआ है।

मंगलवार, 22 दिसंबर 2009

आज का दिन हादसों के नाम तीन राजों में तीन हादसे, 16 की मौत

करीमनगर/मोतीहारी/ बिलासपुर। आंध्रप्रदेश, बिहार और हिमाचलप्रदेश में हुई तीन अलग-अलग दुर्घटनाओं में 16 लोगों की मौत हो गई, जबकि 58 अन्य घायल हो गए। दोनों हादसों में जहाँ बस खाई में गिर गई, वहीं अन्य घटना में इंजन से जीप टकरा गई। आंध्रप्रदेश के करीमनगर जिले के बसंतनगर गाँव के पास आज तड़के एक बस के घाटी में गिरने से उसमें सवार छह लोगों की मौत हो गई। दुर्घटना में 14 लोग घायल हो गए।पुलिस ने बताया कि हैदराबाद से गोदावरीखानी जा रही आंध्रप्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम (एपीएसआरटीसी) की बस सँकरे पुल से गुजरते समय घाटी में गिर गई। मृतकों में बस चालक भी शामिल है। घायलों को गोदावरीखानी के अस्पताल में भर्ती कराया गया है। मोतीहारी में इंजन-जीप में भिड़ंत, पाँच मरे : पूर्वी चंपारण जिले के सीतलपुर में एक मानवरहित रेलवे क्रॉसिंग पर जीप और एक लाइट इंजन की टक्कर में आज पाँच लोगों की मौत हो गई, जबकि दो अन्य गंभीर घायल हो गए।पुलिस ने बताया कि यह वारदात पूर्व-मध्य रेल के सुगौली-रक्सौल रेलखंड पर नकरदेई के निकट सीतलपुर में तकरीबन सुबह साढ़े सात बजे हुई, जब इंजन ने घने कोहरे के बीच रेलवे क्रॉसिंग पार कर रही जीप में टक्कर मार दी।इंजन का ड्राइवर भागने में कामयाब रहा। वारदात से गुस्साए स्थानीय लोगों ने रेल यातायात बाधित कर दिया और दुर्घटना के शिकार हुए लोगों के परिजनों को उचित मुआवजा दिए जाने की माँग की। घायलों को नजदीक के एक अस्पताल में दाखिल कराया गया है। सभी गंभीर हैं। बिलासपुर में बस खड्ड में गिरी, पाँच मृत : हिमाचलप्रदेश के बिलासपुर जिले में आज तड़के एक पर्यटक बस के सौ फुट गहरे खड्ड में गिर जाने से उसमें सवार पाँच लोगों की मौत हो गई और 42 अन्य घायल हो गए।पुलिस अधीक्षक कुलदीप शर्मा ने बताया कि पर्यटक बस कुल 47 यात्रियों को लेकर से मनाली जा रही थी। जिला मुख्यालय से करीब 65 किमी दूर गढ़ मोड़ के निकट तड़के चार बजे यह दुर्घटना घटी। बताते हैं हादसा बस के ब्रेक फेल हो जाने के कारण हुआ।गंभीर घायल दो लोगों को पीजीआई चंडीगढ़ भेजा गया है और शेष यात्रियों को पंजाब के रोपड़ जिले के निकट आनंदपुर साहिब स्थित सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। स्वारघाट थाने के थानाध्यक्ष रतन चंद ने दुर्घटनास्थल से बताया कि बस में सवार पर्यटक गुजरात, राजस्थान और हरियाणा के निवासी थे। (भाषा)

गौरतलब: भत्तों पर भी अब अप्रैल 2009 से कर

नई दिल्ली,सरकार ने वेतनभोगी कर्मचारियों के आवास व यात्रा जैसे विभिन्न अनुलाभ भत्तों पर कर की गणना के नए नियमों को अधिसूचित कर दिया है। इससे वेतनभोगी वर्ग पर कर का बोझ और बढ़ जाएगा। कर्मचारियों की कर देनदारी की गणना नए नियमों के अनुसार होगी और यह समाप्त कर दिए गए फ्रिंज बेनिफिट टैक्स (एफबीटी) की जगह लेगा। इससे वेतनभोगियों की जेब पर बोझ और बढ़ जाएगा।मिली जानकारी के अनुसार नियोक्ता द्वारा अपने कर्मचारी के परिवार को दिए जाने वाले आवास भत्ते, यात्रा भत्ते तथा अन्य अनुलाभों को शीघ्र ही आयकर काटने के उद्देश्य से वेतन में शामिल किया जायेगा। यह व्यवस्था एक अप्रैल 2009 से लागू होगी।उल्लेखनीय है कि अब तक वेतनभोगी कर्मचारी के इन भत्तों पर कर नियोक्ता कंपनी एफबीटी के रूप में चुकाती थी। वित्तमंत्री प्रणब मुखर्जी ने एफबीटी को 2009-10 के बजट में समाप्त कर दिया था।जिन लाभों को कर योग्य वेतन में शामिल किया जाएगा उसमें नियोक्ता द्वारा देय आवास सुविधा, आधिकारिक तथा व्यक्तिगत इस्तेमाल के लिए वाहन पर खर्च, चालक का वेतन, नियोक्ता द्वारा दिए जाने वाले माली और सफाई कर्मचारी के वेतन तथा कर्मचारी के बच्चों को देय रियायती शिक्षा शामिल है।केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड की वेबसाइट पर उपलब्ध अधिसूचना के अनुसार उक्त सभी अनुलाभ भतों को मूल्यांकन नियमों में शामिल किया गया है। आवासीय तथा यात्रा भत्ते के साथ-साथ नियोक्ता द्वारा उपलब्ध कराई जाने वाली यात्रा, निशुल्क भोजन तथा शीतल पेय, आयोजन अवसरों पर कर्मचारी को मिले उपहार या वाउचर, यात्रा भत्ता व किसी क्लब की सदस्यता के लिए किए गए भुगतान के लिए मिलने वाली राशि की गणना भी नई आयकर गणना प्रणाली में होगी।उल्लेखनीय है कि अनुलाभों को इससे पहले कर उद्देश्य के लिए वेतन में शामिल किया गया था, लेकिन उन्हें एफबीटी कहा गया था। उनका भुगतान कंपनी करती थी न कि कर्मचारी। जहाँ तक सरकारी कर्मचारियों की बात है तो नए गणना या मूल्यांकन नियम प्रतिनियुक्ति वाले कर्मचारियों के अलावा सभी के लिए समान होंगे।अर्नेस्ट एंड यंग के कर सहयोगी अमिताभसिंह ने नए आयकर आकलन नियमों के बारे में पूछने पर कहा कि एफबीटी प्रणाली के तहत अनुलाभ का कर बोझ नियोक्ता पर रहता था, लेकिन अब यह कर्मचारी पर होगा। (भाषा)

सोमवार, 21 दिसंबर 2009

सौ साल की महिला ने 9,750 की ऊंचाई से छलांग लगाई


ब्राजील की एक सौ साल की महिला ने 9,750 की ऊंचाई से छलांग लगाई और वह स्काईडाइविंग के इस रोमांचक क्षण का लुत्फ एक बार फिर से उठाना चाहती हैं।100 वर्षीय आइडा डोस सैंटोस ने शनिवार को 9,750 फुट की ऊंचाई से विमान से छलांग लगाकर सबको चौंका दिया। उस वक्त सलाहकार प्रेडो पॉलो भी उनके साथ थे। नौ सेंकेंड तक हवा में तैरने के बाद आइडा पॉलो के साथ सुरक्षित जमीन पर उतरीं।
अमापा राज्य की राजधानी मैकापा में रहने वाली आइडा इस सफर से आफी रोमांचित दिखीं। उन्होंने कहा, ''यह बहुत शानदार रहा और मैं इसे फिर से करना चाहती हूं।''बीते 20 नवंबर को उन्होंने अपनी जिंदगी के 100 वर्ष पूरे कर लिए। उन्होंने कहा, ''मैं स्काईडाइविंग के दौरान खुद को 50 साल का महसूस कर रही थी।''

रविवार, 20 दिसंबर 2009

गौरतलब: देशभर के 833 एनजीओ काली सूची में

नई दिल्ली, रविवार, 20 । दिसंबर ग्रामीण विकास मंत्रालय के अंतर्गत एक स्वायत्त इकाई ने धन का दुरुपयोग करने के मामले में 833 गैरसरकारी संस्थाओं (एनजीओ) एवं स्वैच्छिक संगठनों को काली सूची में डाल दिया है।मंत्रालय ने इस मुद्दे पर जानकारी ग्रामीण विकास संबंधी स्थाई समिति को दे दी है, जिसने गुरुवार को संसद में अनुदान की माँगों संबंधी पहली रिपोर्ट पेश की। समिति की अध्यक्ष सुमित्रा महाजन हैं।ग्रामीण विकास मंत्रालय के अंतर्गत काम करने वाली स्वतंत्र इकाई काउंसिल फॉर एडवांसमेंट ऑफ पीपल्स एक्शन एंड रूरल टेक्नोलॉजी (कापार्ट) ने नवंबर 2009 को 833 एनजीओ और स्वैच्छिक संगठनों को काली सूची में डाल दिया है।काली सूची में डाली जाने वाली संस्थाओं में सर्वाधिक आन्ध्रप्रदेश से हैं। इसके बाद बिहार और तमिलनाडु का स्थान है।समिति ने कहा कि मंत्रालय ने सूचना दी है कि धन के दुरुपयोग और अनियमितता के चलते इन एनजीओ और स्वैक्षिक संगठनों को काली सूची में डाला गया है।काली सूची में डाली गई संगठनों में से आन्ध्रप्रदेश से 192, बिहार से 125, तमिलनाडु से 83, कर्नाटक से 75, उत्तरप्रदेश से 72, राजस्थान से 42 और 35 केरल से हैं। (भाषा)

वृन्दावन में राजनीति पर बोलने से कतराए आडवाणी


वृन्दावन । भाजपा नेता लाल कृष्ण आडवाणी विश्व प्रसिद्ध चित्रकार कन्हाई के चित्रों को देख कर कल भाव -विभोर होगये ,वे देर शाम वृन्दावन में कन्हाई कि निज निवास नंदनवन में एक निज समारोह में शिरकत करने पहुंचे थे। इस अवसर पर श्री आडवाणी ने कन्हाई की सोने कि चित्रकारी को देख कर बहुत प्रसन्नता जाहिर की और कहा कि मैं इन दिव्य चित्रों को देख कर सचमुच भाव-विभोर हो चुका हूँ । एक प्रश्न के उत्तर में उन्होंने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि भाजपा नए नेतृत्व में और भी नई ऊचाइयां छुएगी श्री आडवाणी ने यह भी कहा कि पार्टी ने उन्हें अब जो दायत्व दिया है वे उसे पूरी निष्ठा के साथ संभालेंगे। हांलांकि श्री आडवाणी इस नजी समारोह में राजनीती पर बोलने में हिचकिचाते रहे। विश्व प्रसिद्ध श्री कन्हाई की कृष्ण की छवियों को देख कर हर उपस्थित और आमंत्रित व्यक्ति तारीफ किये बिना नहीं रहा ।

शुक्रवार, 18 दिसंबर 2009

सफाई कर्मचारियों के हड़ताल के चलते शहर कि गन्दगी सीधे यमुना में


शिखर आकाश , मथुरा।शहर में सफाई कर्मचारियों के हड़ताल से हालात अब बेकाबू हो रहे हैं। इसका सीधा असर अब यमुना नदी पर पड़ रहा है। वैसे भी यमुना नदी पूरी तरह प्रदूषित हो चुकी है जिसका जल अब आचमन के योग्य नहीं रह गया है। नगर पालिका कर्मचारियों द्वारा चली आरही हड़ताल ने शहर के हालात बेकाबू हो चुके हैं और चरों तरफ गन्दगी के कारण इन दिनों शहर कि सडको पर चलना दूभर हो गया है , वहीँ दूसरी तरफ शहर का सारा गन्दा पानी और सभी नाले सीधे यमुना में गिर रहे हैं जिससे यमुना एक गन्दी झील में तब्दील हो चुकी है। वैसे भे यमुना में प्रदूषण नियंत्रण कार्यक्रम के नाम पर खाना पूर्ती होती रही है। यमुना प्रदूषण नियंत्रण के नाम पर आया करोंड़ों का बजट स्थानीय अधिकारी और हिंदूवादी नेता डकारे बैठे हैं। एक समाचार पत्र में छापी खबर के अनुसार कागजों में यमुना को उल्टा बहा दिया गया है और जो आंकड़े पेश किये गए हैं उनसे भ्रम कि स्थिति बनी हुई है जो कि लापरवाही का एक जीता-जगाता नमूना है। इन दिनों यमुना नदी के पास जाकर गन्दगी को यमुना नदी में सीधे उतारते हुए देखा जा सकता है। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा जो आंकड़े दिए गए हैं वह सफ़ेद झूट साबित हो रहे हैं। इसमें मथुरा-वृन्दावन में मानिटरिंग कि गयी है जो वर्तमान हालातों के एकदम विपरीत है।

गुरुवार, 17 दिसंबर 2009

..और हैवानियत भी शर्मसार हो जाए


यह नजारा देखकर आपके होश उड़ सकते है। यह नजारा है सोमालिया का, जहां गैर-औरत से संबंरखने के एक आरोपी को मौत की सजा दी गई। सजा देने का तरीका ऐसा कि हैवानियत भी शर्मसार हो जाए। यह सजा दी है सोमालिया के मिलिटेंट ग्रुप हिजबुल इस्लाम ने। इतना ही नहीं पूरे गांव वालों को इकठ्ठा कर यह सब देखने को मजबूर किया गया। इस दौरान एक मर्डरर को भी गोली मारी गई।
दिल दहलाने वाला
48 साल के मोहम्मद अबुकर इब्राहीम का किसी गैर औरत से संबंध था। इस बात का पता चलते ही मिलिटेंट्स ने दोनों को पकड़ लिया। सबसे पहले इब्राहीम को एक गड्ढे में गले तक गाड़ दिया गया। इसके बाद उसके ऊपर तब तक पत्थर बरसाते रहे जब तक कि उसकी जान नहीं चली गई। इस हैवानियत भरे कारनामे के गवाह पूरे गांव के लोग बने जिन्हे जबर्दस्ती वहां पर जुटाया गया था।
औरत को कोड़े
इस जुर्म में इब्राहीम की भागीदार औरत को सौ कोड़ों की सजा सुनाई गई। यह मामला सोमालिया की राजधानी मोगादिशू से 20 मील दूर अफगोए में सोमवार को हुआ। इस दौरान जज ओसमान सिडो ने भीड़ से कहा कि हम लोगों ने इन्वेस्टिगेट किया और उन लोगों ने कंफेस किया है। यह हमारे लिए जस्टिस का दिन है।
फायरिंग फिर मौत
इस बीच मिलिटेंट ग्रुप में सजा को लेकर मतभेद भी हुआ। दरअसल कुछ मिलिटेंट्स सजा के तरीके पर सहमत नहीं थे। वहीं कुछ चाहते थे कि सजा देने का यही तरीका ठीक है। इसके बाद उनके बीच विवाद होने लगा और दोनों तरफ से फायरिंग होने लगी। एक प्रत्यक्षदर्शी ने बताया कि जो ग्रुप एग्जीक्यूशन के खिलाफ था वह पराजित हो गया। इसके बाद हत्या के आरोपी को गोली मारी गई।
पहली बार
वैसे यह पहली बार है जब कि हिजबुल इस्लाम के गुरिल्लों ने सोमालिया में इस तरह के सजा का तरीका अख्तियार किया है। अब तक अल शहाब रिबेल ग्रुप ही इस तरह के तरीके अपनाता था। यूएस का दावा है कि अल शहाब सोमालिया में अलकायदा का प्रतिनिधि है। अल शहाब ने वहां पर फिल्मों, शादियों में डांस और अपने कंट्रोल वाले एरियाज में सॉकर खेलने पर बैन लगाया हुआ है।
बदतर हालात
सिक्योरिटी एजेंसीज का कहना है कि यह देश मिलिटेंट्स के लिए स्वर्ग बनता जा रहा है। इसके अलावा इस बात का भी डर है कि सोमालिया 9/11 के पहले का अफगानिस्तान बनता जा रहा है। वैसे सोमालिया में और भी समस्याएं हैं। यहां के पाइरेट्स दूसरे देशों के कॉमर्शियल जहाजों को किडनैप करके करोड़ों डॉलर की फिरौती मांगते हैं। 2007 से शुरू हुई फाइटिंग में अब तक 19000 सोमाली सिविलियंस मारे जा चुके हैं। इसके अलावा यहां से लगभग 1.5 मिलियन लोग अपने घरों को छोड़कर जा चुके हैं। [जेएनएन]

बुधवार, 16 दिसंबर 2009

आखिर क्या चाहता है प्रशासन ? वृन्दावन में विकास के नाम पर प्रमुख मार्गों को ही खोद डाला


शिखर आकाश, वृन्दावन में इन दिनों विकास कार्यों की आड़ में प्रशासन मनमानी कर रहा है। नगर में बड़े ही श्रध्दा भाव से लोग मंदिरों के दर्शन करने के लिए आते हैं और जब वह यहाँ की सड़कों की दशा देखते हैं तो वो यह सोचने पर मजबूर हो जाते हैं की इस विश्व प्रसिद्ध तीर्थ की सड़कों की दुर्दशा देख कर।इन दिनों वृन्दावन के प्रमुख मार्गों को खोद दिया गया है जिससे जनता को बेहद परेशानी का सामना करना पड़ है। विकास कार्यों की दुहाई देने वाला प्रशासन यह भी भूल गया है की उसकी इस मनमानी से आम आदमी को कितना कष्ट हो रहा है। हर तरफ टूटी सड़कें और सड़क टूटने से दिन भर जाम की स्थिति से वृन्दावन वासी आजिज़ आचुके हैं सडक निर्माण का ठेका जिस ठेकेदार को मिला है वह तो विकास प्राधिकरण अधिकारीयों की अनुकम्पा से ऐश कर रहा है और आम नागरिक को अपने गंतव्य तक पहुँचने में भरी परेशानी का सामना करना पड़रहा है। यदि एक-एक करके सडक बनायीं जाती तो आवागमन भी सुलभ हो जाता वहीँ आम जनता भी परेशान न होती और दिन भर वृन्दावन में ट्रेफिक जाम की स्थिति न रहती पर प्रशासन को क्या ज़रुरत पढ़ी है जो वह जनता के भी दुःख-दर्द को समझे और अति शीघ्र इस समस्या से वृन्दावन के नागरिकों को निजात दिलाये। पिछले कई दिनों से वृदावन में सडक निर्माण कार्य चल रहा है और इसकी गुवात्ता के तो कहने ही क्या अभी हाल ही में बनी टेम्पो स्टेंड के पास वाले नाले की नवनिर्मित दीवार गिर पड़ी जिससे यह मार्ग भी अवरुद्ध हो गया था वृन्दावन में मानकों के विपरीत सडक निर्माण हो रहा है सीवर लाइनों के पाइपों में भी जम कर अनिमियतता बरती जा रही है और लापरवाही बरती जा रही है,जबकि विकास के नाम पर करोड़ों रुपया आया हुआ है ।विद्यापीठ चोराहा हो या रमणरेती मार्ग या फिर मथुरा-वृन्दावन रोड सब जगह यही हाल है सड़कों को खोद कर तो पटक दिया है पर बनाने की सुध किसी को नहीं है। कछुआ गति से कार्य हो रहे हैं। जिसकी जांच होनी चाहिए।

अखंड भारत के बारे में सोचें-शत्रुघन सिन्हा

चाइबासा, भाजपा नेता शत्रुघन सिन्हा ने कहा कि अखंड भारत को ध्यान में रखते हुए छोटे छोटे राज्यों को बनाने पर बहस बंद होनी चाहिए।उन्होंने एक चुनावी सभा को संबोधित करने के बाद कहा कि तेलंगाना जैसे छोटे राज्य बनाना अच्छा है। लेकिन यह कहने का वक्त आ गया है कि देश को अखंड रखने के लिए बस बहुत हो गया। (भाषा)

मंगलवार, 15 दिसंबर 2009

डा नामवर सिंह कि पुस्तक "बोलना तो है" बाज़ार में


नोयडा। प्रसिद्द साहित्कार और समालोचक डॉ नामवर सिंह के हाथों विमोचन हुई" पुस्तक बोलना तो है" बाज़ार में आ गई है। जैसा कि पुस्तक का नाम है, यह बोलने यानी वाणी, उसके रूप, प्रकृति, प्रभाव औऱ उसके असरकारी तरीके से उपयोग की विभिन्न विधियों और सुधार के तरीक़ों पर केंद्रित है। पुस्तक विमोचन समारोह सेक्टर 58 नोएडा स्थित मास्को मीडिया इंस्टीट्यूट में संपन्न हुआ। मुख्य अतिथि डॉ नामवर सिंह ने इस मौके पर कहा कि इक्कीसवीं सदी में उन्हीं चीज़ों का बाज़ार तेज़ी से फैल रहा है जो लिखने और पढ़ने से ज्यादा बोलने और सुनने से जुड़ी हैं। इलेक्ट्रॉनिक मीडिया इसकी उम्दा मिसाल है। पुरानी कहावत भी है कि बातन हाथी पांव-बातन हाथी पीठ। यानी आपकी उपलब्धि बहुत हद तक आपकी शैक्षिक योग्यता के साथ ही आपके बोलने और सुनने की तरीके पर निर्भर है। लेकिन हैरत की बात है कि ‘पढ़ो-लिखो’ की सीख देने वाले समाज में अब भी बोलने-सुनने की कला की व्यावहारिक और औपचारिक शिक्षा देने की कोई व्यवस्था नहीं है। डॉ नामवर सिंह विस्तार से हिंदी, उर्दू और अंग्रेज़ी के कई उदाहरण देकर बताया कि किस तरह क्रियापदों के कलात्मक प्रयोग से ‘अंदाज-ए-बयां’ बदला जा सकता है, और इन्हीं छोटी छोटी बातों से मिलकर उम्दा बयानी बनती है। नामवर जी ने बोलने की कला पर शिक्षा देने वाले इंदौर के अनूठे वाग्मिता संस्थान के संस्थापक, मानद प्राचार्य और पुस्तक के लेखक-संपादक शीतला मिश्र और रवींद्र शाह को बधाई दी। साथ ही कहा कि डॉ. मिश्र ने जीवन के हर कदम पर काम आने वाली बोलने की जिस कला में 50 हज़ार लोगों को प्रवीण किया, ‘बोलना तो है!’ के ज़रिये उसका दायरा और भी विस्तृत हो सकेगा।पुस्तक के लेखक डॉ. शीतला मिश्र ने बताया कि किस तरह उन्होंने सरकारी नौकरी छोड़कर सन 1978 में ‘वाग्मिता संस्थान’ की शुरुआत की और ‘बोलना तो है!’ उनके तीस वर्षों के अनुभव का निचोड़ है। वे कहते हैं कि हम नींद के अलावा बाकी वक्त में से 75 फीसदी बोलने या सुनने में बिताते हैं। ऐसे में यदि इसे बेहतर बना लें तो हमारे जीवन का अधिकांश भी बेहतर हो जाएगा। लेकिन विडंबना यह है कि अब तक सिर्फ नकल और अनुकरण के हवाले है। हालांकि इसे औपचारिक तरीके से सुधारा जा सकता है और यह पुस्तक इसी की पहली सीढ़ी है। डॉ. मिश्र ने कहा कि स्कूली पाठ्यक्रमों की प्रस्तावना में लिखा जाता है कि पाठ्यक्रम का उद्देश्य छात्र की अभिव्यक्ति क्षमता का विकास का है, लेकिन शिक्षा व्यवस्था इस वादे पर खरी नहीं उतरती। लिहाजा ‘बोलना तो है!’ हर वर्ग की ज़रूरत है। उदयपुर के पत्रकार उग्रसेन राव, मास्कोमीडिया के निदेशक दिवेश नाथ और पुस्तक में रेखाचित्र बनाने वाले न्यूज 24 के माधव जोशी ने भी पुस्तक पर चर्चा की। कार्यक्रम में न्यूज 24 चैनल के मैनेजिंग एडीटर अजीत अंजुम, आज़ाद न्यूज के न्यूज डायरेक्टर अंबिकानंदन सहाय, मानव रचना विश्वविद्यालय फरीदाबाद के डॉ. सीपी सिंह, पाठ्यपुस्तक निगम छत्तीसगढ़ के महाप्रबंधक सुभाष मिश्र, अमर उजाला के स्थानीय संपादक गोविंद सिंह, एनडीटीवी के अखिलेश शर्मा, डीडी न्यूज के प्रकाश पंत, एनबीटी के पीयूष पांडे, विजय मिश्रा सहित कई वरिष्ठ पत्रकार, सुधी श्रोता और मास्को मीडिया के छात्र उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन किताब के संपादक और वाग्मिता संस्थान से लंबे समय से संबद्ध आजाद न्यूज चैनल के संपादक रवीन्द्र शाह ने किया।

अमेरिका में आयुर्वेद दवाओं के प्रति कुप्रचार


मनोज वर्मा. अमेरिका में चिकित्सकों और दवा निर्माताओं के एक वर्ग ने आयुर्वेद दवाओं के प्रति कुप्रचार छेड़ रखा है। इससे प्रभावित होकर अमेरिका के खाद्य एवं औषध प्रशासन (यूएसएफडीए) ने अपने नागरिकों को आयुर्वेद उत्पाद के इस्तेमाल में सावधानी बरतने का आदेश जारी कर दिया। आरोप है कि भारत से आयातित की जा रही आयुर्वेदिक औषधियों में भारी मात्रा में विषाक्त पदार्थ और धातु मिली हुई हैं। आरोप अमेरिका में इंटरनेट के जरिए बेची जा रही कुछ औषधियों पर लगे हैं। इनमें ईजी स्लीम, एकांगवीर रस, अग्नितुंडी बटी, ब्राह्मी, एमोबिका, आरोग्यवर्धनी बटी, वाइटल लेडी, वरी फ्री, आयु-अर्थरी-टोन आदि शामिल हैं। ये उत्पाद भारत की नामचीन आयुर्वेद उत्पाद निर्माता कंपनियों से संबंधित हैं। इस बात का पता चलते ही भारत सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय ने न केवल इसका खंडन किया बल्कि आरोपों के घेरे में आई कपंनियों के उत्पादों का विभिन्न प्रयोगशालाओं में परीक्षण भी करवाया। भारतीय चिकित्सक और आयुर्वेद दवा निर्माता बहुराष्ट्रीय कंपनियों की साजिश मानते हैं।असल में अमेरिकी खाद्य एवं औषध प्रशासन ने उक्त सावधानी वाला आदेश जर्नल ऑफ अमेरिकन मेडिकल एसोसिएशन के एक लेख के आधार पर जारी किया। इसके पश्चात भारत सरकार ने प्रतिष्ठित राष्ट्रीय प्रत्यायन प्रयोगशाला बोर्ड से अमेरिकन मेडिकल एसोसिएशन के लेख में उल्लेखित उत्पादों के नमूनों के परीक्षण हेतु तत्काल कार्रवाई शुरू कर दी। केंद्रीय आयुर्वेद एवं सिद्ध अनुसंधान परिषद ने भी धातु आधारित भस्मों की विषाक्तता का पता लगाने के लिए एक अध्ययन किया। यह अध्ययन भारतीय विष विज्ञान अनुसंधान केंद्र, वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान परिषद लखनऊ के सहयोग से किया गया। परीक्षण के पश्चात पाया गया कि निर्यात की गई किसी भी भारतीय जड़ी-बूटी व आयुर्वेद औषधियों में निहित विषाक्त और भारी धातुओं की मात्रा निर्धारित सीमा से अधिक नहीं थी। भारत निर्मित आयुर्वेदिक उत्पादों के 1/5 वाँ भाग का इंटरनेट पर वेबसाइट के माध्यम से बाजार में लाया जाता है। करीब दो दर्जन वेबसाइटों के जरिए आयुर्वेद औषधियों का कारोबार किया जा रहा है। जहाँ तक आयुर्वेदिक औषधियों में धातुओं और विषाक्त पदार्थों की उपयोगिता का सवाल है तो इन औषध योगों में धातुएँ अनिवार्य घटक के रूप में शामिल की जाती हैं।

एक और मुसीबत में आसाराम बापू : आश्रम की जमीन छोड़ने का आदेश

अहमदाबाद (भाषा), जिला प्रशासन ने आसाराम बापू के आश्रम को 67 हजार वर्ग मीटर जमीन खाली करने का आदेश दिया है। आश्रम ने मोटेरा इलाके में कथित तौर पर इस जमीन पर कब्जा जमा रखा है।जिला कलेक्टर हरित शुक्ला ने कहा कि आसाराम आश्रम को भू-राजस्व संहिता (एलआरसी) की धारा 61 के तहत अतिक्रमण की गई जमीन को खाली करने का आदेश दिया गया है। उन्होंने कहा कि इस आदेश के तहत उन्हें सात दिनों के अंदर अतिक्रमित जमीन को खाली करने के लिए कहा गया है। यदि वह ऐसा नहीं करते हैं तो एलआरसी की धारा 202 के तहत आगे की कार्रवाई की जाएगी।अधिकारियों ने बताया कि धारा 202 के तहत संबंधित पक्ष को एक संक्षिप्त नोटिस भेजा जाएगा। यदि उसके बाद भी वह अतिक्रमण नहीं हटाता है तो जिला प्रशासन उसे खुद हटवा देगा। उन्होंने बताया कि इस अतिक्रमण को हटवाने में होने वाले खर्च को संबंधित पक्ष से वसूला जाएगा।

सोमवार, 14 दिसंबर 2009

ब्रेकिंग न्यूज़: मुंबई-कोलकाता में घुसे आतंकवादी दस्ते


नई दिल्ली , सोमवार, 14 दिसंबर 2009. मुंबई और कोलकाता में दो आत्मघाती दस्तों के घुसने की खबर है। इसे देखते हुए देश के सभी प्रमुख शहरों में हाई अलर्ट घोषित कर दिया गया है। गृह मंत्रालय के सूत्रों के हवाले से देश की वाणिज्यिक राजधानी मुंबई और सबसे बड़े शहर कोलकाता में लश्कर--तैयबा के चार-पाँच आत्मघाती हमलावर घुस आए हैं। बताते हैं सभी हमलावर तालिबान द्वारा प्रशिक्षित किए गए हैं। खुफिया एजेंसियों को शक है कि इन आतंकियों को पाकिस्तानी मूल के अमेरिकी आतंकवादी डेविड हेडली ने भी जानकारी मुहैया कराई है, क्योंकि हेडली पिछले साल मुंबई हमले से पहले सात-आठ बार भारत आकर यहाँ की अहम जानकारी अपने साथ लेकर गया था। हमले की आशंका के मद्देनजर मुंबई, कोलकाता और दिल्ली समेत सभी प्रमुख शहरों में हाई अलर्ट घोषित कर दिया गया है। सुरक्षा बलों से हर स्थिति में मुस्तैद रहने को कहा गया है। मुंबई में स्टॉक एक्सचेंज, नागपुर में संघ के मुख्यालय और भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र (बार्क) पर सुरक्षा बढ़ा दी गई है। दोनों शहरों में बंदरगाह, गेस्ट हाउस और होटलों में तलाशी अभियान शुरू कर दिया गया है।

पचास साल में पत्नियों की जगह लेंगी मशीनें


-मधुसूदन आनंद जबसे मैंने पढ़ा है कि अगले 50 वर्षों में पुरुष कृत्रिम पत्नी के साथ रहने लगेंगे, मैं स्तब्ध हूँ। यह बात कृत्रिम मेधा के लिए 2009 का लोएबनर पुरस्कार जीतने वाले डेविड लेवी ने कही है जिसे 'वॉशिंगटन पोस्ट' ने प्रकाशित किया है। लेवी का कहना है कि इस दौरान कम्प्यूटर मॉडलों के जरिए ऐसी कृत्रिम बुद्धि का विकास कर लिया जाएगा कि सब कुछ वास्तविक-सा लगने लगेगा और पुरुष कृत्रिम पत्नी से शादी रचाने लगेंगे। लेकिन सोनी के रोबोट-कुत्ते 'एबो' के लिए कृत्रिम मस्तिष्क बनाने वाले वैज्ञानिक फ्रेडरिक काप्लान लेवी के विचार से सहमत नहीं हैं। वे कहते हैं कि बेहद नफीस सेक्स-रोबोट जरूर निकट भविष्य में उपलब्ध होंगे, लेकिन वे सचमुच के आदमियों या औरतों की जगह नहीं ले सकते। मनुष्य और मशीन का आपस में इस तरह का मेल-मिलाप बेशक अपने आपमें एक दिलचस्प घटना होगी, लेकिन इसमें मानवीय-ऊष्मा नहीं होगी। हो ही नहीं सकती।मैं अब भी स्तब्ध हूँ और सोच रहा हूँ कि हजारों वर्षों के घात-प्रतिघातों के बाद बने मनुष्य के दिमाग में इतना कूड़ा, गंदगी और विकृति कैसे पैदा हो गई है, जो इस तरह की बातें न केवल सोची जा रही हैं बल्कि उन्हें संभव और साकार भी बनाया जा रहा है। यह एक ऐसे खतरनाक दिमाग की कल्पना है, जिसके लिए स्त्री या पत्नी का अर्थ है-चाय-कॉफी बनाने वाली, सिगरेट सुलगाकर देने वाली, शराब परोसने वाली, कपड़े धोने और स्त्री करने वाली, बूट पॉलिश करने वाली, पौधों में पानी देने वाली, झाड़पोंछ करने वाली, बर्तन साफ करने वाली, खाना बनाने और उसे मेज पर सजाने वाली और बिस्तर बनाने और उसे गर्म करने वाली एक चलती-फिरती मशीन।एक ऐसी मशीन जो आदमी का हर सही, गलत, अच्छा-बुरा हुक्म बजा लाए। आदमी की सोच पहले भी ऐसी थी। योरप और अमेरिका में स्त्री-मुक्ति के लंबे आंदोलन के बाद किसी तरह औरतों में जागरुकता आई। चीन में एक ऐसा राजा भी हुआ है जिसके शयन कक्ष में हर रात एक नई और वस्त्रहीन स्त्री को भेजा जाता था। राजा के लिए उस स्त्री का न कोई नाम था, न वंश, न परिवार और न पता-ठिकाना। राजा को रोजाना आमोद-प्रमोद के लिए एक शरीर चाहिए था। शरीर नहीं, एक मशीन! उन्होंने आदमी से बराबर का हक माँगा और जब नहीं मिला तो जबर्दस्ती छीन लिया। फिर भी असुरक्षा, भय और प्रलोभन के जरिए मर्द, औरत के शरीर पर राज करता रहा, उसे हर पल मनुष्य से वस्तु बनाता रहा और 'तू चीज बड़ी है मस्त-मस्त' कहकर उसकी गरिमा को मिटाता रहा। कुछ रोशनखयाल लोगों ने स्त्री को बेशक बराबरी और आदर का दर्जा दिया, लेकिन ज्यादातर समाजों में स्त्री का दर्जा आदमी से नीचे ही रहा है। जब हम छोटी-छोटी बच्चियों ही नहीं, बुजुर्ग औरतों के साथ भी बलात्कार के समाचार पढ़ते हैं तो मन गहरी जुगुप्सा से भर उठता है। मनुष्य ने पाप करने के लिए ही स्त्री को वेश्या बनाया और कोई भी समाज इस वेश्यावृत्ति को आज तक रोक नहीं पाया है। स्त्री के पक्ष में नैतिक आवाज उठाते हुए हमारे सुप्रीम कोर्ट को भी सरकार से कहना पड़ा है कि अगर वेश्यावृत्ति को रोक नहीं सकते तो उसे वैध ही घोषित कर दो ताकि नरक में रह रही वेश्याओं के कुछ तो मानवाधिकार हों! मर्द और औरत के बीच का संबंध कुदरती है। मनुष्य चूँकि सभ्य है, उसे चूँकि संस्कार और समझ मिली है, अच्छे-बुरे का विवेक मिला है, इसलिए उसने विवाह संस्था के जरिए इस संबंध को संस्थागत स्वरूप दिया लेकिन इसके बावजूद परस्त्रीगमन नहीं रुका। वेश्यावृत्ति नहीं रुकी, बहुविवाह प्रथा नहीं रुकी। क्यों? शायद इसलिए कि मनुष्य की नजर में स्त्री मजा देने वाली चीज बनी रही। हमारे राजाओं के रनवास में इतनी रानियाँ और बादशाहों के हरम में इतनी औरतें आखिर क्यों होती थीं? राजा जब चढ़ाई करते थे तो उसके सैनिक निरीह औरतों पर क्यों टूट पड़ते थे? हमारा मानवीय इतिहास हर काल में औरतों पर हुए अत्याचार से भरा पड़ा है।

रविवार, 13 दिसंबर 2009

घबराएँ नहीं २०१२ में प्रलय नहीं होगा


जकार्ता। जो लोग 2012 में प्रलय की खबरों से भयभीत हैं वे इस खबर को पढ़कर सुकून महसूस कर सकते हैं। इंडोनेशिया के नेशनल इंस्टीट्यूट आफ एरोनाटिक्स एंड स्पेस [लापान] ने कहा है कि 2012 में धरती पर कोई आपदा नहीं आने जा रही। दैनिक जागरण के अनुसार
हाल ही में प्रदर्शित हुई हालीवुड फिल्म '2012' से लोगों में एक भ्रम की स्थिति पैदा हो गई है कि दो साल में धरती खत्म होने वाली है। '2012' माया सभ्यता के उस कैलेंडर पर आधारित है जो 21 दिसंबर, 2012 को खत्म हो रहा है। लापान में वरिष्ठ शोधकर्ता थामस जमालुद्दीन के मुताबिक 'लोगों को सौर तूफानों के बारे में जानना जरूरी है ताकि वे यह जान सकें कि 2012 का मिथक सही नहीं है। हालांकि 2012 को लोग कई चीजों से जोड़ते हैं। जब लोग भविष्यवाणी को किसी उल्कापिंड के पृथ्वी से टकराने के बारे कहते हैं, तो इसका मतलब साफ है कि उन्हें विज्ञान के बारे में जानकारी नहीं है। सौर तूफान किसी भी तरह का सर्वनाश नहीं कर सकते क्योंकि इन तूफानों का पृथ्वी पर कोई सीधा प्रभाव नहीं पड़ता। यह सौर तूफान 2013 में आएंगे। इन सौर तूफानों में कुछ भी खास नहीं है क्योंकि ये हर 11 साल में आते हैं।'
आने वाले सौर तूफान में इसलिए भी देर हो सकती है क्योंकि अंतरिक्ष विज्ञानियों ने अभी तक कोई भी प्रभावशाली सूर्य के धब्बा नहीं देखा। पहले अनुमान लगाया गया था कि 2006-07 में ये सूर्य के धब्बे बनना शुरू हो जाएंगे।

शनिवार, 12 दिसंबर 2009

राय बरेली में विकास कार्यों की गुणवत्ता से सोनिया खफा


रायबरेली, शनिवार, 12 दिसंबर उत्तरप्रदेश के रायबरेली जिले में शनिवार को हुई जिला सतर्कता एवं निगरानी समिति की बैठक में विकास कार्यों की प्रगति और कार्य की गुणवत्ता पर कांग्रेस प्रमुख सोनिया गाँधी ने नाराजगी जाहिर की तथा इसमें किसी प्रकार की लापरहवाही नहीं बरतने और गुणवत्ता के साथ समझौता नहीं किए जाने के निर्देश दिए।सतर्कता एवं निगरानी समिति की बैठक जिला कचहरी में लगभग तीन घंटे तक चली। इस बैठक में सोनिया ने यहाँ चल रहे विकास कार्यों की विस्तृत समीक्षा की। विकास कार्यों के पहलुओं का जायजा लिया।समिति के सदस्यों की शिकायत सुनने के बाद सोनिया ने जिला प्रशासन को निर्देश दिया कि विकास कार्यों में किसी प्रकार की कोई शिथिलता नहीं बरती जानी चाहिए और यह भी सुनिश्चित किया जाए कि विकास कार्य सौ फीसदी सही हों।समिति की अध्यक्ष सोनिया ने शुक्रवार को विकास कार्यों का कुछ स्थानों पर निरीक्षण किया और प्राप्त शिकायतों के उन्होंने शनिवार को हुई बैठक में स्पष्ट निर्देश दिया कि केन्द्रीय योजनाओं के तहत जिले में चल रहे विकास कार्यों में जहाँ भी गड़बड़ियाँ और गुणवत्ता में कमी है, उसकी जाँच कराकर दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए।कांग्रेस विधायक शिवगणेश लोधी ने बैठक के बाद बताया कि विकास कार्यों को लेकर स्थानीय सांसद ने नाराजगी जताई और जिलाधिकारी से कहा कि केन्द्रीय सहायता वाली योजनाओं को वे गंभीरता से लें। (भाषा)

आतंकी हमले में ताज को 114 करोड़ का नुकसान हुआ


मुंबई, देश के बेहतरीन होटलों में शुमार ताज महल को 26/11 आतंकी हमले में 114 करोड़ रुपए से अधिक सम्पत्ति का नुकसान उठाना पड़ा।होटल के महाप्रबंधक (जनसम्पर्क) विद्याधर वैद्य ने अदालत में विशेष लोक अभियोजक उज्जवल निकम से कहा कि यह आँकड़ा अभी पूर्ण नहीं है और आकलन की प्रक्रिया अभी जारी है। यह और अधिक हो सकती है, लेकिन अभी तक के आकलन में 114 करोड़ रुपए के नुकसान की बात सामने आई है। गवाह ने निकम से कहा कि टाटा समूह की कंपनी के स्वामित्व वाले इस लक्जरी होटल ने नुकसान का जायजा लेने के लिए सर्वेक्षक नानवाडे एंड कंपनी की सेवाएँ ली हैं। इसके अलावा बीमा कंपनी के समक्ष दावा भी पेश किया गया है।एक प्रश्न के उत्तर में महाप्रबंधक ने कहा कि 100 वर्ष पुराने धरोहर होटल की छठी मंजिल पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गई। इसके अलावा ताज टॉवर्स की 12वीं मंजिल भी ध्वस्त हो गई। इसके अलावा दो रेस्तराँ वसाबी और गोल्डन ड्रैगन को भी हमले में नुकसान उठाना पड़ा। (भाषा)

शुक्रवार, 11 दिसंबर 2009

श्रृंगार घाट पर भव्य छप्पन भोग


मथुरा । श्री श्री १०८ श्री विट्ठलेश जी महाराज के सानिध्य में चल रही ४० दिवसीय ब्रज चोरासी कोस की यात्रा के अंतर्गत यमुना किनारे श्रृंगार घाट स्थित भव्य छप्पन भोग का आयोगं किया गया। जिसमे छप्पन भोग के मध्य श्री गोपाल जी का श्रंगार देखते ही बन रहा था। इसकी एक झलक पाने के लिए भक्तों की भीड़ उमड़ी पड़ रही थी। मथुरा के श्रृंगार घाट पर छप्पन भोग के उपलक्ष्य में श्री गोपाल जी की मनोहारी छवि सभी का आकर्षण केन्द्र बनी रही ।

गौरतलब : देश में हर तीसरा आदमी गरीब


नई दिल्ली, देश में हर तीसरा आदमी गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन कर रहा है। प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद के पूर्व अध्यक्ष सुरेश तेंडुलकर की अध्यक्षता वाले समूह के अध्ययन में कहा गया कि 37 फीसद से ज्यादा लोग गरीब हैं। उल्लेखनीय है कि यह संख्या पिछले अनुमान से 10 फीसद अधिक है।समिति का मानना है कि गरीबी के मामले में उड़ीसा और बिहार सबसे निचले पायदान पर हैं जबकि नगालैंड,दिल्ली और जम्मू कश्मीर में गरीबों की संख्या सबसे कम है।गाँवों में करीब 41.8 फीसद लोग 447 रुपए के मासिक प्रति व्यक्ति खपत पर जिंदा रहते हैं जिसका मतलब है कि वे खाना,ईंधन, रोशनी, कपड़ा और जूते जैसी जरूरतों पर सिर्फ 447 रुपए खर्च करते हैं।शहरी आबादी में 25.7 फीसद लोग गरीब है जो अपनी अनिवार्य जरूरतों पर 578. 8 रुपए खर्च कर पाते हैं।समूह ने इस सप्ताह अपनी रपट सौंपी। योजना आयोग द्वारा गरीबी के अनुमान पर जारी मौजूदा अनुमानों की बढ़ती आलोचना के मद्देनजर विशषज्ञों की समिति की गठन किया गया था। उल्लेखनीय है कि भारत में गरीबों की संख्या 2004-05 के दौरान कुल आबादी का 27.54 फीसद थी जो 1993-94 में 35.97 फीसद थी।तेंडुलकर की रपट में 37.2 फीसद गरीबी का अनुमान जाहिर किया गया है जबकि आयोग ने 27.5 फीसद का अनुमान जाहिर किया था। हालाँकि समिति ने कहा कि इन आँकड़ों की तुलना नहीं की जा सकती क्योंकि यह नए मानदंडों पर आधारित है।(भाषा)

बुधवार, 9 दिसंबर 2009

उत्तर प्रदेश में एक लाख चालीस हजार अपात्र लोगों द्वारा ली जा रही वृद्घावस्था पेंशन

लखनऊ। प्रदेश में एक बड़ा पेंशन घोटाला सामने आया है। एकलाख चालीस हजार के लगभग ऐसे लोगों के नाम पर वृद्घावस्था पेंशन ली जा रही है, जो या तो इस दुनिया में नहीं हैं या फिर वे लोग पेंशन पाने के हकदार नहीं हैं। आंशिक जांच में ही लगभग 50 करोड़ के सालाना घपले का पता चला है। वर्षो से जारी इस बड़े घपले का पता चलने के बाद जिलाधिकारियों को फर्जी तौर पर ली जाने वाली पेंशन की राशि तत्काल रोकने के निर्देश दे दिए गए हैं। अपात्रों को वितरित की जा रही पेंशन की राशि शासन वापस लेगा। तय किया गया है कि राशि वापस करने में हीलाहवाली करने वालों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराकर उन्हें जेल भेजा जाय। उन कर्मचारियों और अधिकारियों के खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी, जिन्होंने सरकारी रकम के गलत वितरण में भूमिका निभायी है। जिलों में जांच पूरी होने के बाद सालाना एक अरब से ऊपर का घपला उजागर होने की आशंका है। पेंशन वितरण को लेकर 19 जिलों कानपुर नगर, बाराबंकी, बहराइच, सुल्तानपुर, बस्ती, बरेली, मिर्जापुर, मैनपुरी, बदायूं, मथुरा, एटा, बांदा, झांसी, बिजनौर, सोनभद्र, मुजफ्फर नगर, अम्बेडकर नगर, जेपी नगर और फिरोजाबाद में ग्यारह लाख 61 हजार 936 मामलों में से ग्यारह लाख 33 हजार 447 की जांच की गई। इन जिलों में 37 हजार 953 ऐसे व्यक्तियों के नाम पेंशन की राशि डकारी जा रही है जो अब इस दुनिया में हैं ही नहीं। 42 हजार 961 ऐसे लोगों को पेंशन दी जा रही है जो पेंशन पाने की परिधि में ही नहीं आते हैं। इन 19 जिलों में 80 हजार 914 लोगों को फर्जी तरीके से पेंशन वितरित की जा रही है। 21 जिलों कानपुर देहात, अलीगढ़, कांशीराम नगर, आजमगढ़, इलाहाबाद, फतेहपुर, औरैया, कन्नौज, फरुर्खाबाद, देवरिया, महाराजगंज, गोंडा, रामपुर, गाजियाबाद, गौतमबुद्ध नगर, बागपत, बुलंदशहर, मेरठ, चंदौली, संतरविदास नगर, सहारनपुर में 10 लाख आठ हजार 359 पेंशनरों में से छह लाख 99 हजार 921 की जांच की गई। 70 फीसदी मामलों की जांच में 30 हजार 716 ऐसे लोगों के नाम पर पेंशन हड़पी जा रही थी जिनकी मौत हो चुकी है। 26 हजार 925 ऐसे नाम पाए गए हैं जो पात्रता की श्रेणी में ही नहीं आते हैं। इन जिलों में अभी तीन लाख से अधिक मामलों की जांच शेष है। 60 साल से ऊपर के गरीबों को 300 रुपये मासिक पेंशन दी जाती है। समाज कल्याण विभाग के प्रमुख सचिव प्रेम नारायण ने पुष्टि की कि उन्हें 19 जिलों की वृद्धावस्था पेंशन वितरण की सत्यापन रिपोर्ट प्राप्त हो गई है। उन्होंने कहा कि पेंशन में गड़बड़ी दूर करने के लिए बाहर के आपरेटरों से काम नहीं लिया जाएगा, बल्कि प्रत्येक जिले के समाज कल्याण अधिकारी को कम्प्यूटरीकरण के लिए 2-2 करोड़ रुपये दिए जाएंगे। देनिक जागरण

प्रधान न्यायाधीश अस्पताल में भर्ती


नई दिल्ली, बुधवार, प्रधान न्यायाधीश केजी बालकृष्णन को पेट में गड़बड़ी की शिकायत के बाद बुधवार की सुबह यहाँ के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया। यह जानकारी न्यायालय सूत्रों ने दी।उन्होंने बताया कि 64 वर्षीय बालकृष्णन मंगलवार की शाम से अस्वस्थ महसूस कर रहे थे। उन्हें अपोलो अस्पताल ले जाया गया है।सूत्रों ने बताया कि प्रधान न्यायाधीश बुधवार को अस्वस्थ रहने की वजह से अपना अदालती कामकाज नहीं कर पाएँगे।

हमें लोगों की उम्मीद पर और ज्यादा खरा उतरना होगा-सोनिया गाँधी

जन्मदिन मुबारक !!
नई दिल्ली, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गाँधी हरियाणा विधानसभा के हाल के चुनावों को समय पर मिले इस सबक के रूप में देखती हैं कि उसे न तो आत्मसंतुष्ट होना चाहिए और न ही जनादेश को स्थायी मानकर चलना चाहिए।सोनिया ने कांग्रेस के मुखपत्र कांग्रेस संदेश के ताजा अंक में कांग्रेसजन के नाम अपने पत्र में कहा है कि हरियाणा के मतदाताओं का फैसला हालाँकि हमारे पक्ष में रहा, लेकिन उसने हमें याद दिला दिया है कि हमें आत्मसंतुष्ट नहीं होना चाहिए और न ही लोगों के जनादेश को स्थायी मानकर चलना चाहिए।हरियाणा की 90 सदस्यीय विधानसभा में कांग्रेस केवल 40 सीटें जीत पाई और वह सरकार बनाने के लिए आवश्यक आँकड़े से छह सीट कम रह गई। बाद में निर्दलीय सदस्यों के पार्टी में शामिल होने के बाद वह बहुमत का आँकड़ा जुटा सकी।सोनिया ने हालाँकि कहा कि महाराष्ट्र की जीत धर्म निरपेक्षता की जीत है। इससे एक बार फिर पता चलता है कि जनता ने क्षेत्रीय या धार्मिक संबंधों पर आधारित विभाजन के एजेंडे को अस्वीकार कर दिया और विकास के एजेंडे को मंजूरी दी है।उन्होंने अरुणाचल प्रदेश के चुनाव परिणामों की चर्चा करते हुए कहा कि अरुणाचल की विजय खास तौर पर इसलिए लाभप्रद रही क्योंकि इसने दिखा दिया है कि कुछ लोगों की भावना के विपरीत अरुणाचल हमारी मुख्य धारा में बना हुआ है।सोनिया ने कांग्रेसियों से कहा कि हालाँकि हम इन विजयों से संतुष्ट हो सकते हैं, लेकिन इन्होंने हमारे वादों को पूरा करने की जिम्मेदारी एक बार फिर बढ़ा दी है। हमें लोगों की उम्मीद पर और ज्यादा खरा उतरने के लिए लगातार काम करना होगा और विकास के अधूरे कामों को पूरा करना होगा। (भाषा)

मंगलवार, 8 दिसंबर 2009

अभी-अभी :

वित्त मंत्री चिदम्बरम ने आज लोक सभा में कहा की राम मन्दिर निर्माण के लिए धन मुहेइया कराने वालों के ख़िलाफ़ कारवाई करेगी सरकार। इस तरह कांग्रेस ने अपनी धर्म-निरपेक्ष छवि को भनाने की कोशिश की है।

दिल्ली में दिन-दहाड़े बैंक से सात लाख लुटे ।

मोबाइल कंपनियों ने फिर मनमानी शुरू की,सुवुधाओं के बजाय बिल्लों के भुगतान पर सारी ताकत झोंकी।

डाकघरों में जमकर टीडीएस का घोटाला । आज भी लाखों का भुगतान सीधे नकद ।

उ.प्र सरकार ने राहुल गाँधी की सुरक्षा को लेकर केन्द्र को पत्र लिखा । इस पत्र में कहा गया है की राहुल गांधी का इस तरह यूपी में घूमना खतरे से खाली नहीं है।

बग़दाद में विस्फोट कई लोगों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा।

पंजाब विधानसभा अकाली-भाजपा और विपक्षी कांग्रेस सदस्यों में हाथापाई



चंडीगढ़, मंगलवार, 8 दिसंबर पंजाब विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन आज उस समय सत्तारूढ़ अकाली-भाजपा और विपक्षी कांग्रेस सदस्यों के बीच हाथापाई हो गई, जब उपमुख्यमंत्री सुखबीरसिंह बादल लुधियाना हिंसा समेत राज्य की कानून व्यवस्था पर बयान दे रहे थे।इसके बाद सदन के अस्थायी अध्यक्ष निर्मलसिंह ने सदन की बैठक को एक घंटे के लिए स्थगित कर दिया। गृह मंत्रालय का भी जिम्मा संभालने वाले बादल ने सदन में जब कानून व्यवस्था, खासकर लुधियाना में शनिवार को हुई हिंसा पर जैसे ही बोलना शुरू किया, कांग्रेस सदस्यों ने सरकार के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी।इसके बाद कांग्रेस सदस्यों ने अध्यक्ष के आसन की ओर जाने की जबरन कोशिश की, लेकिन मार्शल द्वारा रोके जाने के बाद वे मुख्यमंत्री प्रकाशसिंह बादल की सीट की तरफ बढ़ने लगे।विपक्षी सदस्यों को बादल की सीट की तरफ बढ़ते देखकर शिरोमणि अकाली दल के सदस्य वहाँ आ गए और उसके बाद कांग्रेस विधायकों के साथ उनकी हाथापाई शुरू हो गई।अध्यक्ष के आसन के निकट हंगामा होने और स्थिति को बिगड़ते देख अध्यक्ष ने सदन को स्थगित कर दिया। सदन को स्थगित जानकर कांग्रेस सदस्य विधानसभा के रिपोर्टिंग स्टॉफ की टेबल पर चढ़ गए और सरकार विरोधी नारे लगाने लगे। (भाषा)

शम्मी कपूर अस्पताल में भर्ती


मुंबई, मंगलवार, 8 दिसंबर जाने-माने फिल्म अभिनेता शम्मी कपूर को सीने में तकलीफ के बाद अस्पताल में भर्ती 78 वर्षीय शम्मी कपूर को पिछले हफ्ते ब्रीच कैंडी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। रविवार को शम्मी कपूर का हाल जानने अस्पताल गए अमिताभ बच्चन ने अपने ब्लॉग पर लिखा है कि बिस्तर पर पड़े उन्हें देखना बेहद तकलीफदेह था, लेकिन जिंदगी से उनके लगाव में कोई फर्क नहीं आया है। (भाषा)

सोमवार, 7 दिसंबर 2009

राजनीति में आने के लिए सभी युवा यूथ कांग्रेस में आएँ। राहुल गाँधी



एटा। कांग्रेस के महासचिव राहुल गाँधी ने आज एटा, फर्रुखाबाद सहित कई जिलों से आए बनुकरों से उनकी समस्याओं को लेकर सीधा संवाद किया और युवाओं को राजनीति में आने के गुर सिखाए। राहुल गाँधी सोमवार को अलीगंज कस्बे में बुनकर सम्मेलन में बुनकरों की समस्याएँ जानने आए थे। उन्होंने बुनकरों से कहा कि मैं आपको बताता हूँ कि राजनीति में आने के लिए सभी युवा यूथ कांग्रेस में आएँ। हम हर युवा के हाथ यूथ कांग्रेस के द्वारा मजबूत कर राजनीति में लाना चाहते, कांग्रेस महासचिव ने कहा कि केन्द्र से गरीबों, बुनकरों सभी को हर सुविधा के लिए पैसा भेजा जा रहा है, जो प्रदेश सरकार आप तक नहीं पहुँचने दे रही है। उन्होंने कहा कि आपको यह पैसा प्रदेश सरकार से कैसे लेना है, आप स्वयं जानते हैं। (भाषा)

ब्रेकिंग न्यूज़: तेलेगना राज्य को लेकर उस्मानिया के छात्रों ने फिर मचाया उत्पात


हैदराबाद। अलग तेलंगाना राज्य की माँग को लेकर आंदोलन कर रहे उस्मानिया यूनिवर्सिटी के छात्रों ने आज फिर शहर को सिर पर उठा लिया। इस दौरान न केवल वे पथराव पर उतर आए, बल्कि कई जगह उन्होंने गाड़ियाँ भी रोकीं। हालात के मद्देनजर भारी बल तैनात किया गया है। मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक उस्मानिया यूनिवर्सिटी के टीआरएस समर्थित हजारों छात्र सुबह-सुबह यूनिवर्सिटी कैंपस के बाहर जमा हो गए। वे अलग तेलंगाना राज्य की माँग को लेकर नारेबाजी कर रहे थे। देखते ही देखते उन्होंने पथराव शुरू कर दिया। घटना में कुछ पत्थर यूनिवर्सिटी कैंपस के अंदर चले गए। इसके जवाब में भीतर मौजूद छात्रों ने भी पथराव शुरू कर दिया। स्थिति इस हद तक बिगड़ गई कि पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा। इसके बाद भी छात्रों का हंगामा नहीं थमा और वे शहर के अलग-अलग इलाकों में गाड़ियाँ रोकते देखे गए। उल्लेखनीय है कि तेलंगाना को अलग राज्य का दर्जा दिए जाने की माँग 1969 में पहली बार उठी थी। तब से लेकर अब तक इसके समर्थन में कई आंदोलन होते रहे हैं। हाल ही में इस माँग ने उस वक्त जोर पकड़ा, जब 29 नवंबर को तेलंगाना राष्ट्र समिति के प्रमुख के. चंद्रशेखर राव ने आमरण अनशन की धमकी दे डाली। हालाँकि भूख हड़ताल शुरू करने से पहले ही उन्हें करीमनगर में हिरासत में ले लिया गया, लेकिन उनका अनशन जारी रहा। इस दरौन सरकार ने उनका अनशन तुड़वाने की कई कोशिशें की। राव द्वारा अनशन तोड़ने की खबरें मीडिया में आने के बाद उनकी आंदोलन से जुड़े लोगों ने जमकर आलोचना भी की। हड़ताल के दौरान राव समर्थित दो कार्यकर्ताओं की तबीयत बिगड़ गई, जिन्होंने बाद में अस्पताल में दम तोड़ दिया। इस बीच पुलिस का कहना है कि यूनिवर्सिटी छात्रों के साथ आंदोलन में कुछ असामाजिक तत्व भी शामिल हैं, जो कानून व्यवस्था बिगाड़ने के मकसद से शहर में सक्रिय हैं। उल्लेखनीय है कि छात्रों के हंगामे को देखते हुए उस्मानिया यूनिवर्सिटी को 18 दिसंबर तक बंद रखने का निर्णय लिया गया है। मजदूर और बुद्धिजीवियों का भी समर्थन : टीआरएस के आंदोलन में करीमनगर के 90 हजार से ज्यादा मजदूरों ने काम बंद कर दिया है। इसके अलावा वारंगल यूनिवर्सिटी के छात्र और कई बुद्धिजीवी भी इसमें कूद पड़े हैं।

रविवार, 6 दिसंबर 2009

आखिरकार : आसाराम बापू के खिलाफ मामला दर्ज


अहमदाबाद। आसाराम बापू और दो अन्य के खिलाफ उनके एक पूर्व अनुयायी की हत्या के प्रयास का मामला दर्ज किया गया है।पुलिस ने रविवार को बताया कि शनिवार देर रात साबरमती के रामनगर इलाके में दो अज्ञात व्यक्तियों ने राजू चांडक पर गोलियाँ चलाईं। इस मामले में एक प्राथमिकी दर्ज की गई है।पुलिस के अनुसार चांडक के बयान के अनुसार आसाराम को प्रमुख आरोपी बनाया गया है, जिनके कहने पर दो व्यक्तियों ने उस पर मोटरसाइकिल से घर लौटते समय गोली चलाई।चांडक को कंधे और छाती में गोली लगी। उसे एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया जहाँ उसका ऑपरेशन हुआ है। उसकी हालत स्थिर बताई जाती है।पुलिस ने बताया कि तीनों के खिलाफ हत्या के प्रयास और आपराधिक षड्यंत्र का मामला दर्ज किया गया है। अपराध में पिस्तौल का इस्तेमाल होने की वजह से शस्त्र अधिनियम के तहत भी आरोप लगाए गए हैं।पुलिस के अनुसार मामले की जाँच की जा रही है, लेकिन हमले का कारण अब तक अज्ञात है। आसाराम और उनके अनुयायी पहले भी विवादों में घिर चुके हैं।जुलाई 2008 में अहमदाबाद स्थित उनके आश्रम में दो छात्र रहस्यमय परिस्थितियों में मृत पाए गए थे। आश्रम पर आरोप लगने के बाद आसाराम के अनुयायियों ने खूब हंगामा किया और स्थानीय लोगों ने उनकी पिटाई कर दी।उनके अनुयायियों पर सूरत में जमीन हड़पने के भी आरोप हैं। पिछले माह उनके करीब 200 अनुयायियों को एक रैली के दौरान पुलिस पर पथराव करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। (भाषा)

बाबरी विध्वंस पर माफी नहीं माँगेंगे-भागवत


अयोध्या में 17 वर्ष पूर्व बाबरी मस्जिद के गिराए जाने के बाद राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघ चालक मोहन भागवत ने शनिवार को कहा कि उस दिन जो कुछ भी हुआ, उस पर संघ के माफी माँगने का सवाल ही नहीं उठता।भागवत ने राम मंदिर आंदोलन को जारी रखे जाने के मुद्दे को भी अपना समर्थन दिया। भागवत ने कहा कि ढाँचे को गिराने के पीछे कोई षड्यंत्र नहीं था, बल्कि यह संवेदनाओं और भावनाओं के स्तर पर छले गए कारसेवकों द्वारा किया गया तत्काल निर्णय था।उन्होंने कहा कि जो भी कुछ हुआ, वह राम मंदिर के निर्माण के आंदोलन से जुड़ा हुआ है। कारसेवकों की संवेदनाओं के साथ छेड़छाड़ हुआ है, जिसमें कुछ मुसलमान भी शामिल हैं। इसलिए संघ का माफी माँगने का कोई सवाल ही नहीं उठता।

शनिवार, 5 दिसंबर 2009

लुधियाना में जन जीवन अस्त-व्यस्त चार स्थानों में कर्फ्यू



लुधियाना।मजदूरों के विरोध का सामना कर रहे लुधियाना शहर को एक अन्य मामले में भी हिंसा का सामना करना पड़ा। शनिवार को सशस्त्र प्रदर्शनकारियों पर पुलिस द्वारा की गई गोलीबारी में चार लोगों की मौत हो गई, जबकि करीब 13 लोग घायल हो गए।प्राप्त जानकारी के मुताबिक 5 और 6 दिसंबर को दिव्य ज्योति जागरण संस्थान के आशुतोष महाराज का समागन होना था, जिसका कुछ कट्‍टरपंथी सिख विरोध कर रहे थे। सशस्त्र प्रदर्शनकारियों की बेकाबू भीड़ को काबू करने के लिए पुलिस को फायरिंग करनी पड़ी, जिसमें दमदमी टकसाल के तीन लोगों की मौत हो गई, जबकि बीबीसी के मुताबिक मृतक संख्‍या चार बताई गई है।घटना के बाद शहर के आठ थाना क्षेत्रों में कर्फ्यू लगा दिया है साथ ही किसी भी अप्रिय स्थिति से बचने के लिए पूरे शहर के बाजारों को बंद करवा दिया गया है। उल्लेखनीय है कि सिख स्टूडेंट फेडरेशन (ग्रेवाल) ने भी आशुतोष महाराज के आयोजन का पूर्व में भी विरोध , किया पुलिस गोलीबारी में तीन लोगों के मारे जाने के विरोध में सिख समुदाय ने छह दिसंबर को लुधियाना बंद का आह्वान किया है।

ब्रेकिंग न्यूज़ : रूस के नाइटक्लब में धमाका, 100 मरे कई घायल


मास्को । रूस के पर्म शहर में एक खचाखच भरे नाइट क्लब में हुए भीषण विस्फोट में कम से कम सौ लोगों की मौत हो गई तथा 135 अन्य लोग घायल हो गए।रूसी मीडिया के मुताबिक यह विस्फोट शुक्रवार को पर्म शहर के बीचोबीच स्थित लेम हार्स नाइट क्लब में स्थानीय समयानुसार रात 11 बजकर 15 मिनट पर हुआ।सरकारी वेस्ती टेलीविजन के मुताबिक विस्फोट और उसके बाद आग लगने से करीब 102 लोग मारे गए जबकि 135 घायल हो गए, जिनमें से 85 गंभीर रूप से घायल हैं। विस्फोट के समय क्लब में करीब दो सौ लोग मौजूद थे। रूसी अधिकारियों ने बताया कि यह विस्फोट संभवतः आग लगने के कारण हुआ।जाँच एजेंसी के प्रवक्ता ने कहा कि हम आतंकवादी हमले के बारे में बातचीत नहीं कर रहे हैं। हम अग्निशमन निदेर्शो के असफल होने के विषय में बात कर रहे हैं। करीब 12 लाख लोग पर्म शहर में रहते हैं और यह रूस का छठा सबसे बड़ा शहर है।वरिष्ठ न्यायिक अधिकारी व्लादमीर मर्न के हवाले से बताया गया है कि कैफे के निर्देशों का उल्लंघन कर आतिशबाजी की गई, जिससे यह हादसा हुआ है।ज्ञातव्य है कि पिछले हफ्ते ही चेचेन विद्रोहियों ने एक रूसी ट्रेन पर हमला कर दिया था, जिसमें 26 लोगों की मौत हो गई तथा सौ अन्य घायल हो गए थे। (एजेंसियाँ)

शुक्रवार, 4 दिसंबर 2009

समय सापेक्ष मासिक दिसम्बर माह के आकर्षण .


दिल्ली में कमजोर हुई भाजपा फ्रंट पेज पर ।
पुलिस की पीठ थपथपाने में प्रेस-मीडिया भी शामिल आलेख- अखिलेश शर्मा एडवोकेट पेज 2 पर । राम प्रकाश के ज़ज्बे को सलाम पेज ४ पर ।
सम्पादकीय : आतंकवाद के मुख्या तीन रूप नरेन्द्र एम् .चतुर्वेदी द्वारा पेज ४ पर।
महाकवि नाथू राम शर्मा के विनोद पूर्ण संस्मरण महेंद्र "हुमा" द्वारा।
चेयरमेन व प्रशासन ने लगाया करोड़ों का चूना पेज ५ पेज पर ।
जिलापूर्ति अधिकारी के आदेश के बावजूद नही मिल रहा लोगों को सिलेंडर पेज ७ पर ।
धुएं से निकली एक लकीर और तस्वीर बन गई - कविता आमीन खान द्वारा पेज ८ पर।
कंप्यूटर प्रशिक्षण के नाम पर छात्रों को चूना लगाते सेंटर पेज ८ पर।
राजनाथ से भाजपा को भारी नुक्सान पेज १२ पर।


बाबा रामदेव काले धन के मुद्दे पर आन्दोलन करेंगे


स्विस बैंक में जमा काले धन को वापस लाने के मुद्दे पर सरकार पर दबाव डालने के लिए योग गुरु बाबा रामदेव, वकील राम जेठमलानी और भाजपा नेता मदनलाल खुराना राष्ट्रव्यापी आंदोलन शुरू करेंगे।जेठमलानी ने इस आंदोलन की घोषणा करते हुए कहा कि अगले साल से शुरू होने वाले इस आंदोलन में बाबा रामदेव भी शामिल होंगे।उन्होंने कहा कि लोगों को सरकार से पूछना चाहिए कि आखिर सरकार ने स्विस अधिकारियों से काले धन के मामले में मिली जानकारी को सार्वजनिक क्यों नहीं किया।जेठमलानी ने कहा कि सरकार कहती है कि उसने अपने स्विस समकक्षों से इसे गुप्त रखने का वादा किया है। हमने भले ही वादा किया है, लेकिन इस वादे को तोड़ना हमारे हित में है। इसकी जाँच होने के बाद दोषियों को सजा मिलनी चाहिए। (भाषा)

गुरुवार, 3 दिसंबर 2009

जय हो: ऐ आर रहमान ग्रैमी अवॉर्ड के लिए नामित


ऑस्कर विजेता संगीतकार एआर रहमान को ‘स्लमडॉग मिलियनेयर’ के दो गीतों में दिए गए संगीत के लिए वर्ष 2010 के ग्रैमी पुरस्कार के लिए नामित किया गया है।रहमान को दो ऑस्कर और एक गोल्डेन ग्लोब अवॉर्ड जिताने वाले गीत ‘जय हो’ को ‘बेस्ट सॉंग रिटेन फॉर मोशन पिक्चर’ की श्रेणी में नामांकित किया गया है।रहमान को ‘स्लमडॉग मिलियनेयर’ के लिए ‘बेस्ट कम्पाइलेशन साउंडट्रैक अलबम फॉर मोशन पिक्चर’ की श्रेणी में भी नामित किया गया है।यह दिलचस्प है कि फिल्मों का नोबेल पुरस्कार माने जाने वाला ऑस्कर जीत चुके रहमान को पहली बार ग्रैमी अवार्ड के लिए नामित किया गया है।ग्रैमी अवॉर्ड के लिए गुलजार द्वारा लिखित ‘जय हो’ का मुकाबला ब्रूस स्प्रिंगस्टीन के शीषर्क गीत, ‘कैडिलेक रिकॉर्ड्स’ फिल्म के ‘वंस इन ए लाइफटाइम’, ‘ट्विलाइट’ फिल्म के गीत ‘डीकोड’ तथा ‘हन्ना मोंताना : द मूवी’ फिल्म के गीत ‘द क्लाइंट’ से होगा। गैमी अवॉर्ड लॉस एंजिल्स के स्टेपल सेंटर में आगामी 31 जनवरी को प्रदान किए जाएँगे। लॉस एंजिल्स (भाषा)

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