गुरुवार, 17 दिसंबर 2009

..और हैवानियत भी शर्मसार हो जाए


यह नजारा देखकर आपके होश उड़ सकते है। यह नजारा है सोमालिया का, जहां गैर-औरत से संबंरखने के एक आरोपी को मौत की सजा दी गई। सजा देने का तरीका ऐसा कि हैवानियत भी शर्मसार हो जाए। यह सजा दी है सोमालिया के मिलिटेंट ग्रुप हिजबुल इस्लाम ने। इतना ही नहीं पूरे गांव वालों को इकठ्ठा कर यह सब देखने को मजबूर किया गया। इस दौरान एक मर्डरर को भी गोली मारी गई।
दिल दहलाने वाला
48 साल के मोहम्मद अबुकर इब्राहीम का किसी गैर औरत से संबंध था। इस बात का पता चलते ही मिलिटेंट्स ने दोनों को पकड़ लिया। सबसे पहले इब्राहीम को एक गड्ढे में गले तक गाड़ दिया गया। इसके बाद उसके ऊपर तब तक पत्थर बरसाते रहे जब तक कि उसकी जान नहीं चली गई। इस हैवानियत भरे कारनामे के गवाह पूरे गांव के लोग बने जिन्हे जबर्दस्ती वहां पर जुटाया गया था।
औरत को कोड़े
इस जुर्म में इब्राहीम की भागीदार औरत को सौ कोड़ों की सजा सुनाई गई। यह मामला सोमालिया की राजधानी मोगादिशू से 20 मील दूर अफगोए में सोमवार को हुआ। इस दौरान जज ओसमान सिडो ने भीड़ से कहा कि हम लोगों ने इन्वेस्टिगेट किया और उन लोगों ने कंफेस किया है। यह हमारे लिए जस्टिस का दिन है।
फायरिंग फिर मौत
इस बीच मिलिटेंट ग्रुप में सजा को लेकर मतभेद भी हुआ। दरअसल कुछ मिलिटेंट्स सजा के तरीके पर सहमत नहीं थे। वहीं कुछ चाहते थे कि सजा देने का यही तरीका ठीक है। इसके बाद उनके बीच विवाद होने लगा और दोनों तरफ से फायरिंग होने लगी। एक प्रत्यक्षदर्शी ने बताया कि जो ग्रुप एग्जीक्यूशन के खिलाफ था वह पराजित हो गया। इसके बाद हत्या के आरोपी को गोली मारी गई।
पहली बार
वैसे यह पहली बार है जब कि हिजबुल इस्लाम के गुरिल्लों ने सोमालिया में इस तरह के सजा का तरीका अख्तियार किया है। अब तक अल शहाब रिबेल ग्रुप ही इस तरह के तरीके अपनाता था। यूएस का दावा है कि अल शहाब सोमालिया में अलकायदा का प्रतिनिधि है। अल शहाब ने वहां पर फिल्मों, शादियों में डांस और अपने कंट्रोल वाले एरियाज में सॉकर खेलने पर बैन लगाया हुआ है।
बदतर हालात
सिक्योरिटी एजेंसीज का कहना है कि यह देश मिलिटेंट्स के लिए स्वर्ग बनता जा रहा है। इसके अलावा इस बात का भी डर है कि सोमालिया 9/11 के पहले का अफगानिस्तान बनता जा रहा है। वैसे सोमालिया में और भी समस्याएं हैं। यहां के पाइरेट्स दूसरे देशों के कॉमर्शियल जहाजों को किडनैप करके करोड़ों डॉलर की फिरौती मांगते हैं। 2007 से शुरू हुई फाइटिंग में अब तक 19000 सोमाली सिविलियंस मारे जा चुके हैं। इसके अलावा यहां से लगभग 1.5 मिलियन लोग अपने घरों को छोड़कर जा चुके हैं। [जेएनएन]

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