मंगलवार, 28 फ़रवरी 2012

                      एक प्रत्याशी का दर्द, और जनता की सहानुभूति  
डा.अशोक अग्रवाल का छह वर्ष बसपा में वनवास ख़त्म हुआ और सपा ने आंसू भी पोछ दिये, अब जनता की भी सहानुभूति लाजमीय है सर्व समाज की सहनुभूति भी काविले तारीफ रही उम्मीद के मुताविक वोटो का प्रतिशत कम होना शुभ संकेत है, पर इस धुरी में भाजपा से प्रत्याशी रहे डा.देवेन्द्र कुमार शर्मा मतदान के आधार पर डा. अशोक के लिए सिरदर्द जरुर है ।
आज से छह वर्ष पूर्व बसपा पार्टी ने डा.अशोक अग्रवाल को एक ताकत के रूप में पार्टी में शामिल किया और मथुरा-वृन्दावन विधान सभा छेत्र से वादे के मुताविक टिकट भी दिया और बिना पूछे टिकट काट कर प.देवेन्द्र गोतम को दे दिया इस दंश को झेला और पार्टी के फैसले को स्वीकार भी किया । पार्टी के लिए पांच वर्ष निस्वार्थ कार्य भी किया फिर एक बार बसपा सुप्रीमो मायावती द्वारा इस बार भी डा.अशोक से काट कर वृन्दावन की चेयरमैन पुष्पा शर्मा को दे देने से डा.अशोक आहत हो उठे और समाजवादी का दामन थाम लिया । अब जनता ने डा.अशोक अग्रवाल के साथ कितनी सहानुभूति निभायी ये तो वक्त ही बतायेगा- आमीन    
                            कुर्सी की चाह में हम छह वर्ष तक रोते रहे,
                               बेवफा वो निकले बदनाम हम होते रहे,
                              कुर्सी की मदहोशी का आलम तो देखिये,
                             धूल चेहरे पर थी और आईना हम धोते रहे, 
                                                                                      नरेन्द्र एम.चतुर्वेदी
                                                                            http.//www.samaysapeksh.com

शनिवार, 25 फ़रवरी 2012

                           प्रत्याशियों को लेकर मथुरा में सट्टे के भाव
डा.अशोक सबसे आगे दुतीय पायदान पे बीजेपी,तीसरे,चोथे पर काग्रेस,बसपा

मथुरा । मथुरा-वृन्दावन विधान सभा सीट पर अपनी-अपनी जीत को लेकर सभी प्रत्याशी भयभीत नजर आ रहे है वही मथुरा के सट्टे बाजार ने प्रत्याशियों की नीद उड़ा दी है । सट्टे के भाव पर यदि गोर किया जाये तो प्रत्याशियों का भयभीत होना लाजमीय है । मथुरा सट्टे बाजार के अनुसार प्रथम रूप का दावेदार सपा प्रत्याशी को आका जा रहा है जबकि भाजपा को द्वतीय स्थान पर तीसरे,चोथे स्थान पर काग्रेस,बसपा को दर्शाया जा रहा है।
मथुरा सीट को लेकर सट्टे बाजार ने प्रत्याशियों की रातो की नीद उड़ा कर रख दी है सट्टे बाजार की माने तो वह सपा प्रत्याशी को एक तरफा भारी बहुमत के साथ जिता रहे है सट्टे बाजार के भाव कुछ इस प्रकार है सपा के प्रत्याशी डा.अशोक अग्रवाल एक रूपये, बीजेपी प्रत्याशी देवेन्द्र कुमार शर्मा तीन रूपये मथुरा से दो बार विधायक रहे काग्रेस प्रत्याशी प्रदीप माथुर को तीसरे स्थान पर आकते हुए चार रूपये का भाव है जबकि प्रदेश में सत्ता रुड व मथुरा सीट पर अपना द्वतीय दबदबा रखने वाली बसपा पार्टी की प्रत्याशी पुष्पा शर्मा को चोथे स्थान पर आका जा  रहा है सट्टे बाजार में जिनका भाव दस रूपये है ।
मथुरा की राजनीति की हार जीत नगर के सटोरियों के हाथ रही है सटोरियों द्वरा सट्टे बाजार में प्रत्याशी के प्रति जनता का रुझान देखकर अपना आंकलन सेट करके ही ये अपने भाव सट्टे बाजार में फैलाते है हालाकि भाव में कुछ  हेरफेर हो जाता है जबकि इस बार सट्टे के भाव बरकरार है जिससे भाजपा,काग्रेस,बसपा के प्रत्याशियों की हवईया उड़ी हुई है इधर बाजारों में जनता भी अपने-अपने कयाश लगा रही है ।
                                                                                                                        नरेन्द्र एम.चतुर्वेदी 
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मंगलवार, 21 फ़रवरी 2012

      इन दस  सालो में क्या नहीं कर सकते थे विधायक माथुर.....?
मथुरा। मथुरा-वृन्दावन के विधायक द्वारा इन दस वर्षो में मथुरा की जनता के लिए कितने कार्य किये इसे लेकर चुनावो में जनता सजग नजर आ रही है विकाश पुरुष के रूप से जाने वाले प्रदीप माथुर ने विकाश के नाम पर कितने वादे किये और कितने निभाए  ये किसी से छुपा नहीं है यही वजह
जीत भी हार का कारण बनती जा रही है आखिर विकाश के नाम पर आये  रूपये गए कहा ।
मथुरा के विधायक अपने प्रमुख तीन वादों में फेल १.विकास के नाम पर नगर में तीन फ्लाई ओवर व्रिज २.जमुना प्रदुषण ३.नगर में शुद्ध पेय जल व्यवस्था सहित कई वादों में विफल चुनावो में जनता याद आयी है पर जनता का कथन है कि विधायक द्वारा हमे विकास के नाम पर छला गया है क्या विधायक जी इन दस सालो में कुछ नहीं कर सकते थे ।
                                                                                                         नरेन्द्र एम.चतुर्वेदी
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शुक्रवार, 17 फ़रवरी 2012

                 राहुल गाँधी सभा सम्बोधित करेगे मथुरा में कल                     
                 भीतरघात डूबा सकती है काग्रेस की नैया....?
मथुरा ! यो तो टिकट आवंटन को लेकर सभी दलों में कुछ न कुछ असंतोस होता ही है किन्तु काग्रेस की सिटिंग सीट पर पार्टी की धड़े बंदी इसबार काग्रेस की नाव डूबा देने पर आमादा दिखती है ! कल राहुल गाँधी मथुरा  में सभा सम्बोधित कर एक सन्देश देने आ रहे है पर चरम सीमा पर चल रही गुट्बन्दी को देख कर क्या सन्देश लेकर जायेगे ।
पूर्व सांसद मानवेन्द्र सिंह और विधायक प्रदीप माथुर के बीच वर्षो  की कटुता चुनाव के दिनों में अपने चरम पर है! शहर काग्रेस कमेटी की असहमति के वावजूद पिछले नगर निकाय चुनावो में मानवेन्द्र गुट के श्याम सुन्दर उपाध्याय विट्टू काग्रेस के घोषित प्रत्याशी डा . कुलदीप भार्गव से पार्टी सिम्बल झपट ले गये थे और काग्रेस प्रत्याशी के रूप में नगर पालिका अध्यक्ष रहे ! इस चुनाव में श्याम सुन्दर उपाध्याय अपने जातीय आग्रहों से निर्देशित है ! भाजपा के देवेन्द्र शर्मा और बसपा की पुष्पा शर्मा के के बीच ब्राहमण वोट सीमित हो गये है !अबकी बार ब्राहमणों का आशिर्बाद माथुर को मिलने की कोई संम्भावना नहीं है क्योकि ब्राहमण समाज के पास अपने विकल्प है ! इधर डा.कुलदीप भार्गव भी काग्रेस में अपने लिए उचित स्थान न मिलने से छुब्ध और आहत है ! पार्टी की खेमे बंदी काग्रेस की राह का बड़ा रोड़ा है जिसे स्वयं प्रदीप माथुर ने भी बढावा ही दिया है ! बोए बीज बबूल के तो आम कहा से होय !
                                                                        नरेन्द्र एम.चतुर्वेदी  
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गुरुवार, 16 फ़रवरी 2012

                  हमारा वोट बैक हमारा विश्वास है-सतीश अग्रवाल
मथुरा ! मथुरा व्रन्दावन विधान सभा छेत्र के समाजवादी पार्टी प्रत्याशी डा.अशोक अग्रवाल के मुख्य चुनाव अभिकर्ता राजीव अग्रवाल ने उनकी पार्टी को मिल रही जनता की सहानुभूति और समर्थन से उत्साहित होकर प्रतिश्तापूर्ण चुनाव की व्यवस्थाओ को गति देने के उद्देश्य से छह अलग-अलग टीमे गटित की है जो सम्पूर्ण छेत्र  में मतदाताओ को जागरूक और उनका रुझान डा. अशोक अग्रवाल की जीत सुनिचित करने की ओर संग्लन रहेगी ! पहली टीम प्रत्याशी डा.अशोक अग्रवाल, दूसरी टीम सतीश अग्रवाल, तीसरी राजीव अग्रवाल,चोथी चुनाव संयोजक धर्मवीर अग्रवाल,पांचवी नगर अध्यक्ष तनवीर अहमद व छटी श्रीमती लता अग्रवाल के साथ मतदाताओ से सम्पर्क कर उनका विश्वास ओर समर्थन प्राप्त करने का प्रयास करेगी !
सतीश अग्रवाल ''ब्रजवासी'' ने वेस्ट प्रताप नगर, आशापुरी,जनकपुरी,बल्देब पूरी, आदि कॉलोनियों के मतदाताओं को बताया की उनका परिवार सदेव ही सामाजिक सेवाओं में अग्रणी रही हे । कभी किसी को निराश न  होने देना ही उनके परिवार के प्रत्येक सदस्य का उदेश्य रहा हे । राजनीती कभी हमारे परिवार का विस्शेय नहीं रही किन्तु एसा भी नहीं की हम हार मानकर चुप बेथ जाएँ । हमारी ब्रज संस्कृति में मरने वाले से अधिक बचाने वाले को शक्तशाली माना गया है ! हम इससे हताश-निराश नहीं कि समाजवादी पार्टी का यहा कोई वोट बैंक नहीं है ! हमारा वोट बैंक हारा विश्वास है जो हमे मथुरा-वृन्दावन क़ी न्यायप्रिय जनता पर था, है और हमेशा रहेगा ! डा.अशोक अग्रवाल राजनिति में नहीं आना चाहते थे, परिस्तियोवश आ गये हें तो पीछे मुड़कर नही देखेंगे । वह मतदाताओं से  स्पष्ट कह रहे है कि उनके जैसे लोग राजनीति में कभी-कभी ही आते है ! वह जीत गए तो पूरा कार्यकाल और उर्जा स्थानीय विकास को समर्पित कर देगे ! यदि हार गये तो सब को टाटा, बाय-बाय कह् देगे ! पहले किसी को योग्य मान लेना फिर स्वार्थवश उसे अयोग्य मान कर ठुकरादेना ! यह सभ्य समाज का सगल नहीं है! ऐसी कायरतापूर्ण शैली का जबाब प्रभु श्री कृष्ण की जन्म स्थली और लीला स्थली में नहीं मिलेगा तो फिर और कहा मिलेगा !चुनाव प्रचार के दोरान ककोरन घाटी के छेत्रिय लोगो ने उन्हें बताया कि उनका पूरा मोहल्ला एक ही प्रत्याशी के पछ  में मतदान करता है,जिसके पछ में करता है वह जीत हासिल करता है और मंत्री पद पाता है ! स्वर्गीय लक्ष्मी रमन आचार्य व रविकांत गर्ग का उदहारण देते हुए वे डा.अशोक अग्रवाल के पछ में शत,प्रतिशत मतदान करने का संकल्प लेते है डा. अशोक अग्रवाल ने सराय आजमाबाद,गोविंदनगर,विकास नगर , विश्व्लक्ष्मी नगर , सरस्वती विहार , जवाहर गंज , लाला गंज आदि क्षेत्रों में सेकड़ों समर्थकों , कार्यकर्ताओं के साथ उन्हें विजयी बनाने की अपील करते हुए लोगो को उनकी आन-शान की सुरक्षा हेतु सजग रहने को कहा कि उनके परिवार का सदस्य , रिश्तेदार अथवा मित्र कभी कोई कोटा, परमिट या लायसेंस नहीं लेगा , यह उनका क्षेत्र की जनता से वायदा हे । सारे आजमाबाद में डॉ. अशोक अग्रवाल ने पूर्व विधायक श्याम अहेरिया से विजयी होने का आशीर्वाद लिया जन सम्पर्क अभियान में उनके साथ युवजन सभा के जिलाध्यक्ष जगेंदर यादव, विजय गोयल, सईद चोधरी, डा.दया राम, मनमोहन गुप्ता, दीपक कागजी, पवन अग्रवाल, भारत अग्रवाल, सतीश यादव आदि सैकड़ो समर्थक व कार्यकर्ता सम्मलित थे ! 
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                           धर्म निरपेक्ष शक्तियों को नहीं जुटा पा रही काग्रेस...?
मथुरा ! अब तक मथुरा सीट पर कांग्रेस बनाम भाजपा का परिद्रश्य रहता था जिसके चलते तमाम धर्म निरपेक्ष जनवादी विचारो के लोग स्वाभाविक रूप से बिना किसी विशेष प्रयास के काग्रेस के लिए स्वत सक्रिय हो जाते थे ! किन्तु इस बार समाजवादी पार्टी की धमाकेदार उपस्थति ने एक अन्य  सशक्त धर्म निरपेक्ष विकल्प भी प्रस्तुत कर दिया है ! काग्रेस का गैर राजनैतिक चुनाव संचालन इस परिस्थति का सही मूल्याकन नहीं कर पा रहा है ! यधपि संयुक्त भारतीय कम्युस्ट पार्टी ने अपनी राष्ट्रीय नीति के तहत काग्रेस का समर्थन मथुरा सीट पर भी किया है किन्तु मथुरा में इस पार्टी के कद्दावर मजदूर नेता शिवदत्त चतुर्वेदी काग्रेस के लिए सक्रिय नहीं हो सके है ! सी पी आई और सी.पी.एम. अभी तक इस सीट पर कोई मन बना नहीं सकी है ! रालोद का नाम काग्रेस के प्रचार में लिया जा रहा है लेकिन लोकदल ने अपना पूरा ध्यान माट सीट पर ही लगा रखा है ! अन्यथा भी लोकदल व्यहवारिक  राजनीति के तहत काग्रेस के साथ है जबकि सांसद का चुनाव उन्होंने भाजपा गठबंधन में लड़ा था ! धर्म निरपेक्ष तबको में लोकदल की साख प्रमाणित नहीं है ! शहर काग्रेस कमेटी अन्य छोटे-छोटे धर्म निरपेक्ष लोगो का समर्थन जुटा पाने में असफल रही है और इसी कारण मुसलमानों सहित अन्य भाजपा विरोधी वोट विखरता लग रहा है !
                                                                                                        नरेन्द्र एम.चतुर्वेदी
                                                                                       ई-मेल- http.//blogger.samaysapeksh.com

बुधवार, 15 फ़रवरी 2012

  •                                                      ये है कोंन....?
  • मथुरा ! भारतीय जनता पार्टी ने आर.एस.एस. के दबाब में सारे दिग्गजों को दरकिनार कर संघ के लाडले देवेन्द्र कुमार शर्मा को मथुरा -वृन्दावन विधान सभा से भाजपा की टिकट दे चुनाव मैदान में उतरा है ! वही मथुरा वृन्दावन की आम जनता पूछ रही है कि ये है कोंन..? 
  •                      मथुरा सीट पर भाजपा से चुनाव लड़ रहे देवेन्द्र कुमार शर्मा का व्यहवारिक व सामाजिक तोंर पर सामाजिकता से कोई आज तक सरोकार नहीं  रहा  एसे में मथुरा  सीट  भाजपा जेसी पार्टी से चुनाव लड़ना ये बड़ी बात है हलाकि भाजपा गत दो चुनावो से मथुरा सीट को गवाती चली आई है 
  • इस बार 
  • भी सही विकल्प  chunne में भाजपा गचा खा गई संघ के दबाब में देवेन्द्र को भाजपा से मथुरा सीट भले ही मिल गयी हो पर सामाजिक सरोकार न रहने के करण विधान सभा छेत्र की जनता बार बार पूछ  रही है की ये देवेन्द्र है कोंन...?
  • ऐसे में संघ व भाजपा के नेता व कार्यकर्ताओ को आम जनता से सम्पर्क कराने में बड़ी दिक्कते सामने आ रही है ! जनता के बीच देवेन्द्र की कोई सामाजिक सरोकार रहा न ही सामाजिक छेत्र में कोई कार्य या योगदान जिससे ये जनता के बीच चर्चित होते ऐसा कुछ  भी नहीं है भाजपा के कुछ लोगो का दबी जुबान में ये कहना है कि देवेन्द्र द्वारा वर्षो से संघ जुड़ा होना उनकी मीटिग कार्यक्रमों में फर्श उठाना व बिछाना ही इनक्नी पहचान रही है यही वजह है और टिकट के रूप में प्रतिफल है मथुरा सीट पर संघ के दबाब भाजपा ने टिकट  तो दे दी पर पहचान कहा से दे ! संघ व भाजपा के लोग देवेन्द्र का जगह -जगह जनसंपर्क भूल इनके जीवन सम्पर्क से जन जन को अवगत करना पड़ रहा है संघ को लेकर ये कहावत चर्तार्थ हो रही कि "चोर की मारी चुप्प करे मत हल्ला '' संघ ने टिकट तो दबाब में दिलवा दिया दिग्गजों को दरकिनार भी कर दिया पर ये किसी को पता नहीं था किजिसको हम मथुरा जेसी प्रतिश्तापूर्ण सीट पर चुनाव लडवा रहे है उसका सामाजिकता  दूर-दूर तक सरोकार ही नहीं रहा है !
  • अब संघ नेता व कार्यकर्ता अपनी अक्छ्मता को छुपाने के लिए पहचान्नुमा सम्पर्क कृते हुए घूम रहे है संघटन हित में किये कार्यो को भी बता रहे है पर जनता को उससे क्या लेना क्या देना जनता को चाहिए सामाजिक व्यक्ति वहराल नेता व कार्यकर्ता को जो दिक्कते आ रही है  कि आम जनता पूछ रही है__कि__ये है कोंन....?
  •                                                                                   नरेन्द्र एम.चतुर्वेदी - http://samaysapeksh.com/ 

























































































   

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