सोमवार, 5 दिसंबर 2011

पल भर के लिए कोई हमे प्यार कर ले झूठा ही सही- देवानंद

हमारे  और  आपके दिलों में रहने वाले देवानंद साहब आज हमारे बीच  नहीं हैं, यह सोच कर ही धक्का सा लगता  है . हिंदी फिल्मों की आत्मा कही जाने वाली यह रोमांटिक शख्सियत इतनी जल्दी हम से हमेशा के लिए जुदा हो जाएगी यह हमने सोचा भी ना था. एक दौर हुआ करता  था देवानंद साहब की अदाकारी के लोग दीवाने हुआ करते थे ,नव युवतियां उनकी एक झलक पाने को बेताब हुआ करती थीं. उनकी कुछ प्रेम कहानियां अधूरी ही रह गयीं और अपने प्यार अभनेत्री जीनत अमान को अभिनेता और शो मेन राज कपूर  की बाँहों में झूलता देख उनका दिल टूट गया और तभी से उन्होंने अकेले रहना चाहा. पार्श्व गायिका और अभिनेत्री सुरैया से देव साहब शादी करना चाहते थे किन्तु उनकी माँ ने इस बंधन को नहीं स्वीकरा. १९४९ में नवकेतन फिल्म प्रोडक्शन शुरू कर कई बेहतरीन फिल्मों का निर्माण किया ,मै ज़िन्दगी का साथ निभाता चला गया ,अभी ना जाओ छोड़ कर के दिल अभी भरा नहीं ,यहाँ कौन है तेरा मुसाफिर जायेगा कहाँ  और चूड़ी नहीं यह मेरा दिल है देखो-देखो टूटे ना ,पल भर के लिए कोई हमे  प्यार कर ले झूठा ही सही ,खोया-खोया चाँद खुला आसमान आँखों  में साड़ी रात जाएगी तुमको भी कैसे नींद  आएगी. यह गाने इस सदाबहार हीरो ने अपने चाहने वालों को सौगात के रूप में दिए हैं .गाइड ज्वेलथीफ  देसपरदेस जानी मेरा नाम आदि देव साहब की उल्लेखनीय फ़िल्में हैं - शिखर आकाश साथ में नरेन्द्र ऍम चतुर्वेदी  

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

फ़ॉलोअर

ब्लॉग आर्काइव