मंगलवार, 19 जनवरी 2010

बसु को अंतिम विदाई देने उमड़ा जनसैलाब

पश्चिम बंगाल के पूर्व मुख्यमंत्री और माकपा के कद्दावर नेता ज्योति बसु की अंतिम यात्रा आज सुबह शुरू हो गई। 17 जनवरी से एक शव गृह में संरक्षित रखी गई उनकी पार्थिव देह को एक वाहन में रखा गया।

तय कार्यक्रम के मुताबिक पार्थिव देह को सुबह सुबह साढ़े आठ बजे 'पीस हेवन' शवगृह से अलीमुद्दीन स्ट्रीट स्थित माकपा मुख्यालय लाया गयाबाद में यह राज्य सचिवालय राइटर्स बिल्डिंग ले जाई गई। जहाँ से इसे विधानसभा के लिए ले जाया गया। यहाँ जनसामान्य के दर्शनार्थ पार्थिव शरीर को पाँच घंटे तक रखा जाएगा। दोपहर तीन बजे देह अपने अंतिम पड़ाव एसएसकेएम अस्पताल के लिए ले जाई जाएगी।

अंतिम यात्रा काफिले के आगे कोलकाता पुलिस की एक पायलट कार चल रही थी। सड़क के दोनों ओर लोग दिवंगत नेता को श्रद्धांजलि देने के लिए खड़े थे। निमोनिया के संक्रमण की वजह से 95 वर्षीय बसु को एक जनवरी को कोलकाता के एएमआरआई अस्पताल में भर्ती किया गया था, जहाँ 17 जनवरी को उनका देहांत हो गया।

एजेसी बोस रोड पर लगाए गए अवरोधकों के पीछे भारी संख्या में लोग पहले से ही मौजूद थे, जो अपने नेता के अंतिम सफर में उन्हें श्रद्धांजलि देने के लिए आए थे। सफेद कपड़े पहने माकपा के स्वयंसेवी हाथों में लिए पार्टी के झंडों को झुकाए सावधान मुद्रा में खड़े थे।

सर्दी की परवाह किए बिना सड़कों पर उमड़ आई भीड़ के चलते बसु के पार्थिव शरीर को पार्टी कार्यालय के समीप पहुँचने में करीब आधा घंटा लगा। जब सफेद फूलों और पार्टी के लाल झंडों से सजा शव वाहन अलीमुद्दीन मार्ग पहुँचा तो वरिष्ठ माकपा नेताओं ने बसु को ‘आखिरी सलाम’ किया।

पार्टी मुख्यालय में शव वाहन से बसु का पार्थिव शरीर माकपा महासचिव प्रकाश करात, माकपा पोलित ब्यूरो के सदस्य सीताराम येचुरी, पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री बुद्धदेव भट्टाचार्य, वाम मोर्चा के अध्यक्ष बिमान बोस, उद्योग मंत्री निरूपम सेन तथा अन्य वरिष्ठ नेताओं द्वारा नीचे उतारा गया और एक मंच पर रखा गया।

माकपा के सभी वरिष्ठ नेताओं ने अपने सीने पर ‘कामरेड ज्योति बसु लाल सलाम’ लिखे कागज के सफेद बिल्ले लगा रखे थे। जब ज्योति बसु का पार्थिव शव मंच पर रख दिया गया तो पश्चिम बंगाल में माकपा के वरिष्ठतम सदस्य 97 वर्षीय समर मुखर्जी ने सबसे पहले पुष्पचक्र अर्पित किया।

उनके बाद करात येचुरी एसआर पिल्लई एमके पांधी, वृंदा करात और फिर पार्टी की केंद्रीय समिति के सदस्यों ने पुष्पचक्र अर्पित किए।

चूँकि बसु ने अपना शरीर चिकित्सीय अनुसंधान के लिए दान कर दिया था, इसलिए उनका अंतिम संस्कार नहीं किया जाएगा और पार्थिव देह सरकारी अस्पताल को सौंप दी जाएगी। अस्पताल को शव सौंपे जाने से पहले ज्योति बसु को गार्ड ऑफ ऑनर दिया जाएगा। इस मौके पर बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गाँधी और भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी मौजूद रहेंगे।

अपने प्रिय नेता को आखिरी विदाई देने केरल, आंध्रप्रदेश और उत्तरप्रदेश समेत देशभर के कई हिस्सों से बड़ी संख्या में कम्युनिस्ट कार्यकर्ता और समर्थक कोलकाता पहुँचे हैं।

बसु ने वर्ष 2003 में गैरसरकारी संगठन ‘गणदर्पण’ के कार्यक्रम में शरीर दान की घोषणा करते हुए लिखा था ‘एक कम्युनिस्ट के तौर पर मैं अंतिम साँस तक मानवता की सेवा करने के लिए दृढ़ संकल्पित हूँ। मैं अब खुश हूँ क्योंकि मौत के बाद भी मैं सेवा करता रहूँगा।’

बसु ने नेत्रदान की भी घोषणा की थी। रविवार को उनके निधन के बाद ‘सॉल्ट लेक’ स्थित सुश्रुत आई फाउंडेशन के डॉक्टरों ने उनके नेत्र निकाल लिए थे। माकपा सूत्रों ने कहा कि बसु के कॉर्निया को मुक्ताकेशी आई फाउंडेशन के लिए रखा गया है। (भाषा)

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