शुक्रवार, 11 दिसंबर 2009

गौरतलब : देश में हर तीसरा आदमी गरीब


नई दिल्ली, देश में हर तीसरा आदमी गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन कर रहा है। प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद के पूर्व अध्यक्ष सुरेश तेंडुलकर की अध्यक्षता वाले समूह के अध्ययन में कहा गया कि 37 फीसद से ज्यादा लोग गरीब हैं। उल्लेखनीय है कि यह संख्या पिछले अनुमान से 10 फीसद अधिक है।समिति का मानना है कि गरीबी के मामले में उड़ीसा और बिहार सबसे निचले पायदान पर हैं जबकि नगालैंड,दिल्ली और जम्मू कश्मीर में गरीबों की संख्या सबसे कम है।गाँवों में करीब 41.8 फीसद लोग 447 रुपए के मासिक प्रति व्यक्ति खपत पर जिंदा रहते हैं जिसका मतलब है कि वे खाना,ईंधन, रोशनी, कपड़ा और जूते जैसी जरूरतों पर सिर्फ 447 रुपए खर्च करते हैं।शहरी आबादी में 25.7 फीसद लोग गरीब है जो अपनी अनिवार्य जरूरतों पर 578. 8 रुपए खर्च कर पाते हैं।समूह ने इस सप्ताह अपनी रपट सौंपी। योजना आयोग द्वारा गरीबी के अनुमान पर जारी मौजूदा अनुमानों की बढ़ती आलोचना के मद्देनजर विशषज्ञों की समिति की गठन किया गया था। उल्लेखनीय है कि भारत में गरीबों की संख्या 2004-05 के दौरान कुल आबादी का 27.54 फीसद थी जो 1993-94 में 35.97 फीसद थी।तेंडुलकर की रपट में 37.2 फीसद गरीबी का अनुमान जाहिर किया गया है जबकि आयोग ने 27.5 फीसद का अनुमान जाहिर किया था। हालाँकि समिति ने कहा कि इन आँकड़ों की तुलना नहीं की जा सकती क्योंकि यह नए मानदंडों पर आधारित है।(भाषा)

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