बुधवार, 16 दिसंबर 2009

आखिर क्या चाहता है प्रशासन ? वृन्दावन में विकास के नाम पर प्रमुख मार्गों को ही खोद डाला


शिखर आकाश, वृन्दावन में इन दिनों विकास कार्यों की आड़ में प्रशासन मनमानी कर रहा है। नगर में बड़े ही श्रध्दा भाव से लोग मंदिरों के दर्शन करने के लिए आते हैं और जब वह यहाँ की सड़कों की दशा देखते हैं तो वो यह सोचने पर मजबूर हो जाते हैं की इस विश्व प्रसिद्ध तीर्थ की सड़कों की दुर्दशा देख कर।इन दिनों वृन्दावन के प्रमुख मार्गों को खोद दिया गया है जिससे जनता को बेहद परेशानी का सामना करना पड़ है। विकास कार्यों की दुहाई देने वाला प्रशासन यह भी भूल गया है की उसकी इस मनमानी से आम आदमी को कितना कष्ट हो रहा है। हर तरफ टूटी सड़कें और सड़क टूटने से दिन भर जाम की स्थिति से वृन्दावन वासी आजिज़ आचुके हैं सडक निर्माण का ठेका जिस ठेकेदार को मिला है वह तो विकास प्राधिकरण अधिकारीयों की अनुकम्पा से ऐश कर रहा है और आम नागरिक को अपने गंतव्य तक पहुँचने में भरी परेशानी का सामना करना पड़रहा है। यदि एक-एक करके सडक बनायीं जाती तो आवागमन भी सुलभ हो जाता वहीँ आम जनता भी परेशान न होती और दिन भर वृन्दावन में ट्रेफिक जाम की स्थिति न रहती पर प्रशासन को क्या ज़रुरत पढ़ी है जो वह जनता के भी दुःख-दर्द को समझे और अति शीघ्र इस समस्या से वृन्दावन के नागरिकों को निजात दिलाये। पिछले कई दिनों से वृदावन में सडक निर्माण कार्य चल रहा है और इसकी गुवात्ता के तो कहने ही क्या अभी हाल ही में बनी टेम्पो स्टेंड के पास वाले नाले की नवनिर्मित दीवार गिर पड़ी जिससे यह मार्ग भी अवरुद्ध हो गया था वृन्दावन में मानकों के विपरीत सडक निर्माण हो रहा है सीवर लाइनों के पाइपों में भी जम कर अनिमियतता बरती जा रही है और लापरवाही बरती जा रही है,जबकि विकास के नाम पर करोड़ों रुपया आया हुआ है ।विद्यापीठ चोराहा हो या रमणरेती मार्ग या फिर मथुरा-वृन्दावन रोड सब जगह यही हाल है सड़कों को खोद कर तो पटक दिया है पर बनाने की सुध किसी को नहीं है। कछुआ गति से कार्य हो रहे हैं। जिसकी जांच होनी चाहिए।

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